विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization)

विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना 7 अप्रैल 1948 को हुई थी। इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड के शहर जेनेवा में स्थित है। वर्तमान समय में विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक हैं इथियोपिया के डॉक्टर टेड्रोस अधानोम गैबरेयेसस। विश्व स्वास्थ्य संगठन में 194 सदस्य देश हैं लेकिन जब इसे बनाया गया था तब उस समय केवल 61 देशों ने इसके संविधान पर हस्ताक्षर किए थे। इसके सदस्य देशों में 150 ऑफिस है जिनमें करीब 7,000 कर्मचारी काम करते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन संयुक्त राष्ट्र का ही एक भाग है। भारत को भी इसमें शामिल किया गया है जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।

मुख्य उद्देश्य

दुनियाभर के स्वास्थ्य समस्या पर नजर रखना और उनकी मदद करना और सभी के लिए हर जगह बेहतर स्वास्थ्य हो यही इसका मुख्य उद्देश्य है तथा स्वास्थ्य रिपोर्ट के लिए भी उत्तरदायी होता है। ये मुख्य रूप से इन्फ्लूएंजा और एच. आई.वी HIV (Human Immuno Viruses) जैसे कीटनाशक बीमारी,कैंसर,ह्रदय से संबंधित गैरसंक्रामक रोग और कुपोषण से लड़ने में मदद करता है और उनपे जानकारियां प्राप्त करता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन को दो तरह से फंड (धनकोष) मिलता है....


1- मूल्यांकन योगदान (Assessed Contribution)

ये फंड विश्व स्वास्थ्य संगठन के सदस्य देश मिलकर देते हैं कौन सा देश कितना फंड देगी ये पहले से तय होता है। इसके 194 सदस्य देश हैं तो 194वें देशों को ये फंड विश्व स्वास्थ्य संगठन में देना पड़ता है और देश की आर्थिक और जनसंख्या पर ये निर्भर करता है कि जिस देश की आर्थिक व्यवस्था सबसे बड़ी है उससे ज्यादा फंड लिया जाता है। मूल्यांकन योगदान से जो भी फंड आता हैउसे कोर फंडिंग कहते हैं और इस फंड का प्रयोग विश्व स्वास्थ्य संगठन अपने जरूरी प्रोग्राम्स चलाने के लिए करता है।

इसमें सबसे ज्यादा फंडिंग अमेरिका करता है। आपको बता दें कि साल 2018-19 400 मिलियन डॉलर तक का फंड अमेरिका द्वारा दिया गया था और साल 2010- 17 के बीच में अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को 107 मिलियन डॉलर से 114 मिलियन डॉलर तक की मदद की है। इसके बाद सबसे बड़ा योगदान यूनाइटेड किंगडम का है फिर तीसरे स्थान पर चीन आता है।

2- स्वैच्छिक योगदान (Voluntary Contribution)

इसमें बहुत से लोगों का योगदान होता है जिसमें सदस्य देश तो शामिल ही हैं उसके अलावा बड़ी एजेंसी, बड़ी कंपनियां और कुछ लोग भी शामिल हैं। मूल्यांकन योगदान के बाद भी अगर कोई सदस्य देश धनकोष दान करना चाहता है तो वो अपनी इच्छानुसार कर सकता है। इसका प्रयोग कुछ विशेष कामों के लिए होता है, जिसके लिए वो फंड बनाकर दिए जाते हैं।

इसमें हम कोरोनावायरस महामारी का उदाहरण ले सकते हैं। अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 के लिए स्वैच्छिक फंड जमा किया है तो वो उस फंड का इस्तेमाल कोविड-19 के ऊपर ही करेगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन को दिए जाने वाले सभी धनकोष की बात करें तो लगभग 80% धनकोष मूल्यांकन योगदान की तरफ से 18% धनकोष स्वैच्छिक योगदान की तरफ से और बाकी के बचे 2% धनकोष अन्य साधनों से मिलता है। साल 2018-19 में स्वैच्छिक योगदान में सबसे बड़ा योगदान बिल गेट्स और मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन का था।

 कुछ विशेष जानकारियां

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोनावायरस जैसी महामारी से लड़ने के लिए मार्च में 675 मिलियन डॉलर की अपील की और विश्व स्वास्थ्य संगठन के कुछ फंडिंग में अमेरिका का बहुत बड़ा योगदान रहा है।
कुछ समय पहले सभी देश अलग अलग काम कर रहे थे, और इस तरह काम करने से किसी को कोई लाभ नहीं होता था तो उन सभी ने मिलकर एक सभा बनाई जो कि सबको नियंत्रित करे और उस समय सभी देशों को नियंत्रित करने के लिए उपनिवेशन की जरूरत थी।

प्रत्येक सदस्य देशों को समान रूप से स्वास्थ्य सेवा प्रदान कराना, वैक्सीन्स देना, मशीनें उपलब्ध कराना ये सभी मुख्य कार्य हैं। साल 1945 में सैन फ्रांसिस्को की सभा में संयुक्त राष्ट्र के संगठन के समय विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्माण की कल्पना की गई थी।

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