महान चित्रकार "लियोनार्डो द विंची" की कहानी

"लियोनार्डो द विंची" को दुनिया का सबसे प्रतिभाशाली इंसान माना जाता है। इनका जन्म 15 अप्रैल, 1452 ईसवी में हुआ था। द विंची जो एक महान चित्रकार, वैज्ञानिक, आविष्कारक, गणितज्ञ, इंजीनियर, लेखक, वादक, कुशल यंत्रविद् थे। इसके अलावा वो एनाटॉमी, भूगर्भशास्त्र, खगोल विज्ञान, वनस्पति विज्ञान तथा इतिहास के ज्ञाता थे। जन्म से ही द विंची बेहद ही खूबसूरत थे। उनकी शारीरिक रचना और सुंदरता काफी आकर्षक थी। साथ ही वो एक कौशल व्यक्ति थे जिन्हें आज के समय में जीनियस कहकर भी संबोधित किया जाता है। अलग अलग क्षेत्रों के बारे में उन्हें बहुत ज्ञान था।


जब वो महज 14 वर्ष के थे तभी उनके दिमाग में एक मूर्तिकार बनने का ख्याल आया और इसी समय उन्होंने कई ऐसी मूर्तियाँ बनाई जो वास्तव में प्रशंसा के लायक थी। उस समय द विंची के अलावा भी कई महान चित्रकार मशहूर थे लेकिन द विंची के अंदर टैलेंट का भरमार था जिस वजह से ये काफी लोकप्रिय थे और अपनी एक अलग पहचान बनाई। 2 मई, 1519 को लियोनार्डो द विंची का देहांत हो गया।

क्यों इतने खास थे लियोनार्डो द विंची?? 

महान चित्रकार लियोनार्डो द विंची एक ही समय पर अपने दोनों हाथों का इस्तेमाल कर सकते थे जिन्हें Ambidextrous कहा जाता था।

वो बड़ी ही सरलता से शब्दों को उल्टे क्रम में लिख सकते थे जिसे mirror writing कहते हैं और किसी भी राज़ को छुपाने के लिए वो इस तरह की लिखावट का इस्तेमाल करते थे।

द विंची मानव शरीर के अध्ययन के लिए रात में कब्रिस्तान जाते और कब्र खोदकर शव को निकाल लाते फिर उसके बारे में जानकारी इकट्ठा करते। आपको बता दें कि उन्होंने लगभग 30 शवों को कब्र से निकाला था।

आज से 500 साल पहले द विंची ने इंसान के आंतरिक शारीरिक भाग का एकदम स्पष्ट चित्र बनाया था।

महान चित्रकार द विंची द्वारा बनाई गई दो पेंटिंग्स दुनियाभर में मशहूर हैं पहली - "मोनालिसा" आज के समय में इसकी कीमत लगभग 5 हजार करोड़ के आसपास है। इस पेंटिंग की जाँच के दौरान ये बताया गया कि ये पेंटिंग 83% खुश है 9% परेशान है 6% डरी हुई है और 2% गुस्से में है और इस पेंटिंग की सबसे खास बात ये है कि लियोनार्डो ने इस पेंटिंग में अपने हस्ताक्षर किए हैं जिसे देखा जा सकता है। दूसरी - "द लॉस्ट सपर" इसमें द विंची ने जीसस को शूली पर जाने से पहले उनको आखिरी भोजन के साथ दिखाया है।



सोलहवीं शताब्दी में ही विंची ने कई बड़े आविष्कार किए थे जैसे हेलीकॉप्टर, पैराशूट, हवाई जहाज और टैंक्स। इसी शताब्दी में उन्होंने इन सबके डिजाइन तैयार कर दिया था।

द विंची अपने कामों में टाल-मटोल करते थे जिसकी वजह से उनके बहुत से आविष्कार, पेंटिंग्स और लिखावट आज भी अधूरे हैं जिन्हें वो पूरा नहीं कर पाए थे।

लियोनार्डो द विंची की सबसे पहली पेंटिंग "Arno valley" जो सन् 1473 में बनाई गई थी।

द विंची कभी स्कूल नहीं गए वो खुद से ही पढ़ते लिखते थे। उनके पिता उनकी प्रतिभा से वाकिफ थे इसीलिए उन्होंने द विंची को इटली के महान पेंटर Andrea Del Verrocchio के पास पेंटिंग सीखने के लिए भेजा। इसके अलावा लियोनार्डो को जितने भी अन्य विषयों में ज्ञान था जिसे द विंची ने खुद हासिल किया था।

द विंची ऐसे पहले इंसान थे जिन्होंने ये बताया था कि आसमान का रंग नीला क्यों होता है? उन्होंने बताया कि हवा सूरज से आने वाली रोशनी को बिखेर देती है और नीला रंग अन्य रंगों तुलना में अधिक बिखरता है इसी वजह से दिन में आसमान का रंग नीला होता है।

यदि वो किसी इंसान का चेहरा बनाना चाहते तो वो पूरा दिन उसके पीछे लगे रहते थे ऐसा इसलिए ताकि वो उस इंसान का चेहरा अच्छे से अपने दिमाग में बसा लें।

उनका कहना था कि किसी भी चित्रकार को एक शीशे की तरह होना चाहिए। उसके भीतर अपने सामने की चीज को हूबहू बनाने का हुनर होना चाहिए।

विंची इटली का एक शहर है जहाँ पर लियोनार्डो द विंची का जन्म हुआ था। द विंची का अर्थ है - ऑफ विंची (Of Vinci) अर्थात जो विंची शहर का हो।

लियोनार्डो द विंची के आखिरी शब्द थे - मैंने ईश्वर और मानवता को कुपित किया है मैं अपने जीवन का जितना सदुपयोग करना चाहता था उतना नहीं कर पाया।

Post a Comment

और नया पुराने