•  नेपोलियन बोनापार्ट का सम्पूर्ण जीवन परिचय (Full life introduction of Napoleon Bonaparte) 


               



           नेपोलियन  बोनापार्ट  की  जीवनी


●   पूरा  नाम   =  नेपोलियन  बोनापार्ट

●   जन्म   =  15  अगस्त  1769  ( अजाशियो / फ्रांस )

●   पिता   =   कारलो  बोनापार्ट

●   माता   =   लेटीजिए  रमोलिनो

●   पत्नी   =   जोसेफिन  एवं  मेरी  लुईस

●   धर्म   =    रोमन  कैथोलिकता

●   पुत्र / वंश   =   नेपोलियन  द्वितीय

●   मृत्यु   =   5 मई  1821  लांगवुड , सेंट  हेलेना  (लगभग  51  साल  की  उम्र  के  आसपास )

●   समाधि   =   लेस  इनव्हालिडेस


नेपोलियन बोनापार्ट एक महान सेनापति था, जो कि फ्रांस का सम्राट था।फ्रांस में अनेकों क्रांतियाँ हुई इन  सभी के अंतर्गत नेपोलियन यहां का सम्राट बना। 11 नवंबर 1794 से लेकर 18 मई 1804 तक नेपोलियन सम्राट बना रहा, यहाँ तक की यूरोप के कई बडे़-बडे़ क्षेत्रों में उसका शासन चला।


नेपोलियन बाकियों की तरह एक साधारण सा मनुष्य था  लेकिन अपने भविष्य में वो आगे चलकर बहुत ही शक्तिशाली  और ताकतवर बादशाह बन गया और (नेपोलियन की  सहिंता)  नाम का सिद्धांत नेपोलियन ने फ्रांस में दिया था।

 (नेपोलियन बोनापार्ट ने एक कथन कहा था)  

  जिसे जीतने का डर होता है , उसका पराजित  होना तय है ।


 ● नेपोलियन बोनापार्ट का  प्रारंभिक जीवन ,शिक्षा एवं  विवाह (Early life of Napoleon Bonaparte, his education and marriage)


नेपोलियन का जन्म एक अच्छे खानदान में हुआ था ।  नेपोलियन के पिता का नाम कार्लो बोनापार्ट तथा माता का  नाम "लेटीजिए रमोलिनो"था । धीरे-धीरे नेपोलियन बड़े हुए उन्हें  अच्छी शिक्षा प्रदान कराई गई । नेपोलियन को युद्ध करना बेहद पसंद था , उनकी रुचि एक कुशल योद्धा बनने में थी।


  उनके परिवार ने जब ये देखा तो उन्होंने नेपोलियन को एक एकेडमी में दाखिला करवा दिया और उस एकेडमी का नाम था -  सैन्य एकेडमी , जहाँ पर वो एक अफसर की तैयारी भी किए । पेरिस में नेपोलियन अपनी स्नातक की शिक्षा पूरी किए। नेपोलियन ने दो शादी की थी जिनमें से पहली पत्नी का नाम  "जोसेफिन" था , जिसे नेपोलियन बेहद पसंद करता था, और  दूसरी बीवी का नाम मेरी "लुईस" था।

( ब्रिटेन के एक वीर तथा महान योद्धा थे )-  Duke  of Valington,  उन्होंने नेपोलियन की सराहना  करते हुए कहा था कि युद्ध की भूमि नेपोलियन 40-50 हजार योद्धाओं के बराबर है।


● नेपोलियन की प्रसिद्धि  का वर्णन  (Description of Napoleon's fame)


 नेपोलियन छोटी सी ही उम्र मेंं काफी कुछ सीख गया था , अपनी  जिम्मेदारियों को सँभालना सीख गया था ।  उसे ये  समझ आ गया था, कि किसी साम्राज्य को चलाने के लिए किस  प्रकार शासन करना होता है -  शब्दों में कहें तो उन्हें राज  करना गया था ।  अब अगर कोई शासक ये समझ जाए कि अपने  राज्य को आगे किस प्रकार बढ़ाना है तो जाहिर सी बात है वो  ये भी समझ जाता है कि लोगों से काम कैसे कराना है।


तो कुछ ऐसे ही थे नेपोलियन बोनापार्ट...................  
नेपोलियन ने सोचा कि जब राज्य को चलाना है तो उसके संविधान का निर्माण करना भी आवश्यक है तो उसने सोचा कि संविधान कैसे बनाया जाए ?


कुछ ही सालों के अंदर - अंदर नेपोलियन की प्रसिद्धि काफी  मशहूर हो गई , इटली के बादशाह भी बन गए थे। जहाँ पर उनका जीवन काल अच्छे से बीता और मुद्दे की बात तो ये है कि उस समय इकलौता ब्रिटेन ही था जो फ्रांस का कट्टर दुश्मन  था अर्थात फ्रांस के विरोध में था। नेपोलियन ब्रिटेन को अपने  कदमों में झुकाना चाहता था ।  1789 में नेपोलियन ने मिस्र पर आक्रमण कर दिया था ।  पूर्वी क्षेत्र में बसा जो फ्रांस था , नेपोलियन फ्रांस के साम्राज्य का विस्तार करना चाहते था किंतु  वो उसमें नाकामयाब रह गया ।

नेपोलियन की शक्तियों के बारे में अगर बात करें तो कुछ ऐसी  भी जंग थी जिसमें नेपोलियन परास्त हो गया था ,  लेकिन  उसके बाद भी नेपोलियन की ताकत कम नहीं हुई ।  नेपोलियन  का साम्राज्य 3 बड़े क्षेत्रों में प्रसारित था - [हाँँलैंड , इटली ,एवं जर्मन]

नेपोलियन को अपने वंश को आगे बढ़ाने के लिए एक  उत्तराधिकारी की जरूरत पड़ी , जो उसके बाद अच्छी तरह से  शासन कर सके ।  नेपोलियन ने अपनी पहली बीवी जोसेफ़ीन  को तलाक दे दिया और मेरी लुईस के साथ विवाह कर लिया।  मेरी लुईस ने एक पुत्र को जन्म दिया।  ऐसा कहा जाता है कि  नेपोलियन के ही नाम पर उनके बेटे का भी नाम रखा गया  -  नेपोलियन द्वितीय ।।


●  नेपोलियन की सबसे  बड़ी जंग  (Napoleon's big war in his whole life)


फ्रांस की जो सरकार थी , उसके कुछ विरोधी थे जो कि  नेपोलियन को मारना भी चाहते थे। लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। क्योंकि नेपोलियन अपने दुश्मनों से भी ज्यादा ताकतवर था।  सन् 1804 में नेपोलियन पोप की उपस्थिति में खुद को बादशाह की उपाधि दे देता है ।  फ्रांस का बादशाह बनने के ठीक एक  साल बाद 1805 में नेपोलियन ने सबसे बड़ी जंग जीती ।

जिसमें की आस्ट्रिया , और रूस की सेनाएँ भी मौजूद थी।
नेपोलियन अपने दुश्मनों के लगभग 26 हजार सैनिकों को  मौत के घाट उतारा था।

जंग खत्म हुई। अब नेपोलियन ने फ्रांस के साम्राज्य में सुधार लाना शुरू किया। उन्होंने लोगों को कोई भी धर्म  अपनाने का पूरा अधिकार दिया अर्थात कोई भी व्यक्ति किसी भी धर्म को अपना सकता है। नेपोलियन ने समाज के हर एक प्राणी को समान अधिकार दिलाया। फ्रांस की सबसे शक्तिशाली सैन्य का निर्माण भी नेपोलियन ने ही किया था।


●  वाटर लू के युद्ध में  नेपोलियन की हार  (Napoleon's defeat in the war of Water loo)


वाटर-लू के युद्ध के बारे में हम सभी जानते हैं। वाटर-लू की लड़ाई एक ऐसी लड़ाई थी, जिसमें नेपोलियन की हार के साथ-साथ उसकी मृत्यु भी अटल थी। उसके जीवन की अंतिम लड़ाई थी वाटर-लू.....।
ऐसा कहा जाता है, कि नेपोलियन के हारने का सबसे बड़ा कारण बारिश थी। नेपोलियन ने 1815 में 70,000 सैन्यों  के साथ नीदरलैंड पर आक्रमण करने का फैसला किया था। किंतु नेपोलियन का ये विचार सफल नहीं हो पाया। इस मकसद के सफल न होने के पीछ एक कारण था, इसके लिए महागठबंधन बनाया जा रहा था और उस महागठबंधन में बेलजियम , जर्मन, तथा डच देशों की सेनाएँ शामिल थी।

उस समय इन देशों की सेनाओं का संचालन ड्यूक और ब्लूचर ने किया था। वाटर-लू से संबंधित बहुत से अनुसंधान हुए तो पता चला कि नेपोलियन की हार की वजह बारिश भी थी। वाटर-लू  के युद्ध में नेपोलियन ने एक गलती कर  दी थी, उसने घोड़े का उपयोग काफी देर तक कर लिया था जिसका उसके दुश्मनों ने अच्छा खासा फायदा उठाया  था।

वाटर-लू की लड़ाई तकरीबन 10 घंटे लगातार चली और उस समय मौसम सही न होने के कारण बारिश की वजह से नेपोलियन के सैनिकों को युद्ध करने में समस्या उत्पन्न हो रही थी। कुछ विवरण सामने जिनके अनुसार वाटर-लू होने के कुछ समय पहले इंडोनेशिया में एक ज्वालामुखी विस्फोट हुआ जिसमें करीब 1 लाख से भी ज्यादा लोगों की मृत्यु हो गई थी। इसी महाविस्फोट से एक राख का उत्पादन हुआ था जिसका नाम  -------------(आयनोस्फीयर )  था।


●  नेपोलियन  बोनापार्ट  की  मृत्यु  (Death Of Napoleon's)


इस विशाल युद्ध के खत्म होने के बाद ब्रिटेन ने नेपोलियन को (सेंट  हेलेना) नाम के एक द्वीप में कैदी बना लिया था जो कि दक्षिण भाग के अटलांटिक में स्थित है।  नेपोलियन वहाँ  लगभग 6 साल तक कैदी बनकर रहे।  नेपोलियन के जीवन  मे बहुत सी घटनाएं हुई उसने अपनी शक्तियों से यूरोप के कई  प्रांतों पर अपना शासन चलाया और राज किया ।
  
5 मई 1821 में पेट में कैंसर का रोग होने  के कारण  नेपोलियन बोनापार्ट की मृत्यु हो गई ।  नेपोलियन का इतिहास काफी  प्रेरणादायक है  ।  नेपोलियन बोनापार्ट इतिहास के महान  बादशाहों में से एक थे ।
  

●  नेपोलियन द्वारा कही हुई कुछ प्रेरणादायक बातें


 ●  मौत कुछ भी नहीं है ,  लेकिन हारकर और शरमिंदा होकर  जीना प्रत्येक दिन मरने के बराबर है .....

●   कभी भी जब आपका शत्रु कोई गलत काम कर रहा हो तो ,  उसके कार्य में कभी बाधा मत बनिए.....

●   अनजानी राहों पर वीर ही आगे बढ़ा करते है ,  कायर तो  केवल परिचित राह पर ही अपनी तलवार चमकाया करते हैं.....

●   विजय हमेशा युद्ध का जीतना नहीं होता लेकिन उसमें  विजय है जब आप हर बार गिर कर उठ जाते हैं......

●   जब तक अवसर न हो तब तक काबिलियत का कोई  महत्व नहीं होता......













   


 


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