मेसोपोटामिया की सभ्यता का इतिहास

इतिहास के पन्नों में हमें प्रसिद्ध सभ्यताओं के बारे में पढ़ने को मिलता है जिससे ये जानकारी प्राप्त होती है कि किस तरह से मानव द्वारा आज की संस्कृति, आर्थिक, राजनीतिक और धार्मिक क्षेत्रों का विकास हुआ। विश्व की प्रथम सभ्यता सुमेरी सभ्यता है जो सबसे पुरानी भी है इसका समय 3500 ई.पू माना जाता है। लैंगडन का मानना है कि मोहनजोदड़ो की मुहरें और लिपि सुमेरी लिपि और और मुहरों से मेल खाती है। आज हम बात करेंगे एक ऐसी सभ्यता के बारे में जिसका विकास दो नदियों के बीच हुआ था - "दजला एवं फरात"। 


विश्व की प्राचीन सभ्यताओं में से एक है मेसोपोटामिया की सभ्यता। मेसोपोटामिया दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है -  मेसो+पोटामिया, मेसो-बीच और पोटामिया-नदी। दो नदियों के मध्य बसी सभ्यता मेसोपोटामिया की सभ्यता कहलाती है।

पश्चिमी एशिया में फारस की खाड़ी के उत्तर में स्थित वर्तमान इराक को प्राचीन काल में मेसोपोटामिया के नाम से जाना जाता था। मेसोपोटामिया में चार सभ्यताएं मुख्य रूप से प्रसिद्ध थी - सुमेरिया, बेबीलोन, असीरिया और कैल्ड्रिया। सुमेरिया ने सभ्यता को जन्म दिया, बेबीलोनिया ने उसे उत्पत्ति के शिखर तक पहुँचाया और असीरिया ने उसे आत्मसात किया। सुमेरिया, बेबीलोन और असीरिया इन तीनों के सम्मेलन से मेसोपोटामिया नाम की एक सभ्यता का विकास हुआ। इसका समय ईसा से 3500 वर्ष पूर्व माना जाता है।

 ये सभ्यता उत्तरी असीरिया और दक्षिणी बेबीलोनिया में विभाजित थी और इसे कई प्रांतों में भी बाँटा गया था। इस सभ्यता में इंसान के खेती करने और पशुओं को पालने के पहले साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। 

उस समय सिंचाई के लिए व्यवस्था का विकास हुआ और पशुओं के दूध से तरह तरह के उत्पाद भी बनने लगे थे। प्राचीन मेसोपोटामिया की सभ्यताएं वास्तुकला में भी बहुत चर्चित थी। उस समय के शासकों द्वारा विशाल एवं शानदार इमारतों का भी निर्माण किया गया कुछ इमारतों को लोगों ने पूजास्थल भी बना लिया था। इस सभ्यता को गणित के क्षेत्र में भी महारथ हासिल है। बेबीलोनियन को ग्रह नक्षत्र का भी बहुत ज्ञान था। गणित का प्रयोग करके एक साल में बारह महीने को खोज निकाला इसके अलावा एक हफ्ते में सात दिनों की प्रणाली भी इन्हीं के द्वारा शुरू की गई थी।


इस सभ्यता में शिक्षा का भी विकास हुआ और पढ़ने लिखने के लिए एक लिपि का निर्माण किया गया जिसका नाम कीलाकार या कीलाक्षर (Cuneiform) था। उस समय लिखने के लिए मिट्टी के टुकड़ों का इस्तेमाल किया जाता था। इस सभ्यता के लोग कई सारे देवी देवताओं की पूजा करते थे। 331 ई.पू में सिकंदर महान ने मेसोपोटामिया की सभ्यता का अंत कर दिया और वहाँ ग्रीक संस्कृति की नींव रखी।

सुमेरियन की सभ्यता

सुमेरी सभ्यता प्राचीन विश्व की महानतम सभ्यताओं में से एक है। यहाँ का समाज मुख्यतः तीन वर्गों में विभाजित था। उच्च वर्ग जिसमें राजा, पुरोहित एवं बड़े अधिकारी थे और इन्हें समाज में सर्वोच्च स्थान प्राप्त था। दूसरा मध्यम वर्ग जिसमें कृषक और व्यापारी शामिल थे और तीसरा निम्न वर्ग था इसमें दास एवं श्रमिक थे। सुमेरियन सभ्यता में लोग स्वतंत्र रूप से व्यवसाय कर सकते थे। यहाँ के लोग ऊनी तथा सूती वस्त्र का प्रयोग करते थे। गेहूँ, जौ और खजूर यहाँ के लोगों का प्रिय खाद्य पदार्थ था। दास प्रथा तथा दहेज प्रथा का भी प्रचलन था। 

सुमेरियन राजाओं को ईश्वर का प्रतीक माना जाता था और यहाँ का शासन धन पर आधारित था। सुमेरिया में दो प्रकार के न्यायालय होते थे पहला - धार्मिक न्यायालय जिसमें पुरोहित निर्णय लेता था और दूसरा राजकीय न्यायालय इसमें राजा न्यायाधीश होता था।

बेबीलोन की सभ्यता

चौथी शताब्दी के अंत तक मेसोपोटामिया में नगरों की स्थापना हो चुकी थी। दजला और फरात नदी के बेबीलोन नाम का नगर बस चुका था। बेबीलोन में ही विश्व विजेता सिकंदर की मृत्यु हुई थी। यहाँ का महान शासक हम्मूराबी था। हम्मूराबी ने दुनिया का प्रसिद्ध कानून संहिता का निर्माण किया जो हम्मूराबी संहिता के नाम से जाना गया। सारगोन प्रथम ने 2500 ई.पू तक मेसोपोटामिया को अपने कब्जे में रखा और बेबीलोन नाम के एक नगर का निर्माण किया जिसके बाद से ये नगर बेबीलोनिया की सभ्यता के नाम से प्रसिद्ध हो गया।

इस सभ्यता के लोग प्रकृति की पूजा अर्चना करते थे। सुमेरी सभ्यता कज जैसे ही इसमें भी लोगों के कई देवी देवता थे जैसे - आकाश के देवता, सूर्य देवता, चंद्रमा देवता, पृथ्वी देवी तथा जल देवता एवं वायु देवता। बेबीलोन के लोग देवता की पूजा आर्थिक समृद्धि के लिए करते थे। इस सभ्यता के लोग कृषि के साथ साथ पशुपालन भी करते थे। ऐसा माना जाता है कि यहाँ के लोगों ने व्यापारिक लेन देन के लिए बाट तथा सिक्कों का भी प्रचलन किया था इस सभ्यता में मंदिरों को "जिगुरत" कहा जाता था।

असीरिया की सभ्यता

हम्मूराबी के पश्चात बेबीलोन सभ्यता कमजोर होता चला गया जिसके बाद असीरिया के लोगों ने बेबीलोन पर आक्रमण कर के अपने अधिकार में कर लिया। असीरिया सभ्यता के लोगों ने लोहे का भी प्रयोग किया। ये लोग लोहे के औजार बनाने वाले प्रथम सभ्यतावासी माने जाते हैं। इस सभ्यता में स्त्रियों की स्थिति बेहद खराब थी और पर्दा प्रथा का भी प्रचलन था। इस सभ्यता के निवासी भवन निर्माण कला तथा चित्रकला में भी निपुण थे। असीरिया की शासन प्रणाली सबसे बड़ी देन है। अश्शूर देवता राज्य का स्वामी माना जाता था। कुछ समय बाद यहाँ का सामाजिक जीवन नष्ट हो गया क्योंकि ये लोग युध्दप्रिय अधिक थे। ये तीनों ही सभ्यताएँ बहुत ही महत्वपूर्ण थी और यही कारण है कि विश्व को इन तीनों सभ्यताओं से बहुत कुछ हासिल हुआ।

मेसोपोटामिया की सभ्यता का पतन

मेसोपोटामिया की सभ्यता के पतन को लेकर अलग-अलग मत हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इस सभ्यता का पतन जलवायु परिवर्तन के कारण हुआ और कुछ का मानना है कि 4,000 वर्ष पूर्व मेसोपोटामिया पर शासन करने वाली प्राचीनतम सभ्यता विनाशकारी आँधियों के कारण नष्ट हो गई।




Post a Comment

और नया पुराने