साइबर हमला : एक दुष्परिणाम
साइबर हमला एक दुर्भावनापूर्ण प्रयास है जिसका उद्देश्य कंप्यूटर सिस्टम, नेटवर्क, डिजिटल उपकरणों या डेटा तक अनधिकृत पहुँच प्राप्त करना, उन्हें नुकसान पहुँचाना, डेटा चोरी करना या उनके सामान्य कामकाज में बाधा डालना होता है। साइबर हमले विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं और वे कई अलग-अलग तरीकों से काम करते हैं।
साइबर हमला कैसे काम करता है ?
साइबर हमलावर कमजोरियों का फायदा उठाकर सिस्टम में घुसपैठ करते हैं। ये कमजोरियाँ सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर या मानवीय गलतियों के कारण हो सकती हैं। एक बार जब हमलावर सिस्टम में प्रवेश कर जाता है, तो वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं।
साइबर हमले के सामान्य चरण
हथियार बनाना : खोजी गई कमजोरियों के आधार पर, हमलावर एक ऐसा उपकरण या मैलवेयर (malware) बनाते हैं जिसका उपयोग वे सिस्टम में प्रवेश करने और अपना हमला करने के लिए कर सकते हैं।
वितरण : हथियार (मैलवेयर) को लक्षित सिस्टम तक पहुँचाया जाता है। यह ईमेल (फिशिंग के माध्यम से), दुर्भावनापूर्ण वेबसाइटों, संक्रमित USB ड्राइव या नेटवर्क में कमजोरियों के माध्यम से किया जा सकता है।
शोषण : एक बार जब हथियार सिस्टम पर पहुँच जाता है, तो हमलावर कमजोरियों का फायदा उठाकर सिस्टम में प्रवेश करते हैं।
स्थापना : हमलावर अक्सर सिस्टम पर एक "बैकडोर" स्थापित करते हैं ताकि वे भविष्य में आसानी से उस तक पहुँच सकें। वे अन्य दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर भी स्थापित कर सकते हैं।
कमांड और नियंत्रण : हमलावर अपने द्वारा नियंत्रित एक बाहरी सर्वर से लक्षित सिस्टम को नियंत्रित करते हैं। वे सिस्टम को निर्देश भेज सकते हैं, डेटा चुरा सकते हैं या अन्य दुर्भावनापूर्ण कार्य कर सकते हैं।
लक्ष्य पर कार्रवाई : यह वह चरण है जहाँ हमलावर अपना अंतिम लक्ष्य प्राप्त करते हैं, जैसे कि डेटा चोरी करना, सिस्टम को बाधित करना, फिरौती की मांग करना आदि।
साइबर हमलों के प्रकार
मैलवेयर : यह दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर है जिसे सिस्टम को नुकसान पहुँचाने, डेटा चुराने या अनाधिकृत पहुँच प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें वायरस, वर्म्स, ट्रोजन हॉर्स, रैंसमवेयर और स्पाइवेयर शामिल हैं।
फ़िशिंग : यह एक ऐसी तकनीक है जिसमें हमलावर विश्वसनीय स्रोतों (जैसे बैंक या सोशल मीडिया साइट) के रूप में प्रस्तुत होकर लोगों को संवेदनशील जानकारी (जैसे पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड विवरण) प्रकट करने के लिए धोखा देते हैं।
डिस्ट्रिब्यूटेड डिनायल-ऑफ़-सर्विस (DDoS) हमला : इस प्रकार के हमले में, हमलावर लक्षित सर्वर या वेबसाइट को भारी मात्रा में ट्रैफ़िक से भर देते हैं, जिससे वह वैध उपयोगकर्ताओं के लिए अनुपलब्ध हो जाती है।
मैन-इन-द-मिडिल हमला : इस हमले में, हमलावर दो पक्षों के बीच संचार को बाधित करते हैं ताकि वे जानकारी सुन सकें या उसमें हेरफेर कर सकें।
ज़ीरो-डे एक्सप्लॉइट : यह एक ज्ञात भेद्यता पर हमला है जिसके लिए कोई सुरक्षा पैच उपलब्ध नहीं है।
साइबर हमले लगातार विकसित हो रहे हैं, इसलिए व्यक्तियों और संगठनों के लिए अपनी सुरक्षा को मजबूत करना और नवीनतम खतरों के बारे में जागरूक रहना महत्वपूर्ण है।
वो पाँच देश, जहाँ सबसे ज्यादा होता है साइबर क्राइम
- रूस - रूस में साइबर क्राइम का मार्केट लगभग 15,200 करोड़ का है और यहाँ कम से कम 30 सबसे बड़े साइबर क्राइम का ग्रुप है |
- पूर्वी यूरोप - यूक्रेन , पोलैंड और बेलारूस जैसे देशों में 30 हैकर समूह है और ये देश अन्य देशों पर मालवेयर और रैनसमवेयर हमले करने में सबसे आगे है |
- रोमानिया - यहाँ कई बड़े साइबर क्राइम संगठन है और इनका काम पेमेंट में सेंध लगाना जैसे किसी भुगतान प्रणाली ( बैंकिंग सिस्टम , ऑनलाइन वॉलेट , यूपीआई , क्रेडिट / डेबिट कार्ड नेटवर्क आदि ) की सुरक्षा को भेदना यानी उसमे गैरकानूनी तरीके से घुसपैठ करना | आमतौर पर इसका उद्देश्य पैसों की चोरी करना , उपयोगकर्ता की संवेदनशील जानकारी को चुराना ( जैसे कार्ड नंबर , ओटीपी , पिन ) सिस्टम को नुक्सान पहुँचाना और फर्जी लेन - देन करना |
- चीन - दुनियाभर में जितने भी साइबर हमले होते है उनमे से 30 % चीन ही करवाता है इसके अलावा यहाँ की सेना के पास दुनिया का सबसे बड़ा हैकर समूह है |
- ब्राज़ील - यूरोपीय देशों की तकनीक का इस्तेमाल करके यहाँ का साइबर क्राइम समूह देशों एवं विदेशों में भी हमला करता है |
साइबर हमले से बचने के उपाय
साइबर हमलों से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय निम्नलिखित हैं:
1. मजबूत पासवर्ड : अपने सभी ऑनलाइन अकाउंट्स के लिए मजबूत और अनोखे पासवर्ड का उपयोग करें।2. दो-कारक प्रमाणीकरण : जहां संभव हो, दो-कारक प्रमाणीकरण (2FA) का उपयोग करें।3. सॉफ्टवेयर अपडेट : अपने ऑपरेटिंग सिस्टम, ब्राउज़र और अन्य सॉफ्टवेयर को नियमित रूप से अपडेट करें।4. एंटीवायरस सॉफ्टवेयर : एक अच्छे एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का उपयोग करें और इसे नियमित रूप से अपडेट करें।5. सुरक्षित नेटवर्क : सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क पर संवेदनशील जानकारी साझा न करें।6. फ़िशिंग से सावधानी : अज्ञात स्रोतों से आए ईमेल और लिंक से सावधान रहें।7. बैकअप : अपने महत्वपूर्ण डेटा का नियमित बैकअप लें।8. सुरक्षित ब्राउज़िंग : HTTPS और विश्वसनीय वेबसाइटों का उपयोग करें।
इन उपायों को अपनाकर आप साइबर हमलों से बच सकते हैं।
- रोमानिया - यहाँ कई बड़े साइबर क्राइम संगठन है और इनका काम पेमेंट में सेंध लगाना जैसे किसी भुगतान प्रणाली ( बैंकिंग सिस्टम , ऑनलाइन वॉलेट , यूपीआई , क्रेडिट / डेबिट कार्ड नेटवर्क आदि ) की सुरक्षा को भेदना यानी उसमे गैरकानूनी तरीके से घुसपैठ करना | आमतौर पर इसका उद्देश्य पैसों की चोरी करना , उपयोगकर्ता की संवेदनशील जानकारी को चुराना ( जैसे कार्ड नंबर , ओटीपी , पिन ) सिस्टम को नुक्सान पहुँचाना और फर्जी लेन - देन करना |
- चीन - दुनियाभर में जितने भी साइबर हमले होते है उनमे से 30 % चीन ही करवाता है इसके अलावा यहाँ की सेना के पास दुनिया का सबसे बड़ा हैकर समूह है |
- ब्राज़ील - यूरोपीय देशों की तकनीक का इस्तेमाल करके यहाँ का साइबर क्राइम समूह देशों एवं विदेशों में भी हमला करता है |
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