● दुनिया का महान शासक - सिकंदर की आत्मकथा (Self introduction of Sikandar / Alexander The Great)














    
इतिहास मानव अतीत का अधय्यन है , क्योंकि यह मनुष्यों  द्वारा पीछे छोडे़ गए कुछ दस्तावेजों में प्रमाणित है।  इसी  प्रकार हमनें इतिहास में बहुत से महान शख्स के बारे में पढ़ा होगा , किंतु इतिहास काल का एक ऐसा शख्स , जिसके नाम के आगे पूरी दुनिया उसे महान  बोलती है।  आज तक सिकंदर का नाम इतिहास के पन्नों पर है  और इनकी कुशलता को देख बहुत से चलचित्र भी बनाए गए  हैं।। महान सिकंदर के बारे में हम विस्तार से चर्चा करेंगे ,जिनका नाम और काम दोनों ही पूरी दुनिया में मशहूर है। 

 

           सिकंदर का जीवन परिचय

             

•   जन्म  -  20 जुलाई 356 ईसा० पूर्व०

•   जन्मस्थान  -  पेला  (नेपोलियन)

•   पूरा नाम   - एलेक्जेंडर तृतीय /  एलेक्जेंडर मेसेडोनियन

•   गुरु -  अरस्तू  (Aristotle)

•   माता  -  ओलंपिया

•   पिता  -  फिलीप द्वितीय

•   विवाह  -  रूखसाना

•   मृत्यु  -  13 जून 325 (बेबीलोन) 

●  सिकंदर के जीवन काल की  शुरुआत  (Alexander The  Great's beginning of life)


सिकंदर उर्फ अलेक्जेंडर तृतीय एवं एलेक्जेंडर मेसेडोनियन  का जन्म 20 जुलाई 356 ई० पू० पेला में हुआ था ।  इनके पिता  का नाम फिलीप द्वितीय था ।  इनके पिता मेक्डोनिया के सम्राट थे ।  ओलंपिया सिकंदर की माँ का नाम था ।  सिकंदर की एक बहन थी , जो सबसे छोटी थी ।  सिकंदर छोटे थे लेकिन  बुद्धिमान , गुणवान और होशियार भी थे ।


कुछ इतिहासकारों का मानना है कि , सिकंदर ने कभी भी किसी के प्रति उदारता नहीं दिखाई । सिकंदर एक क्रूर तथा निर्दयी व्यक्ति था । एक महान पुरूष बनने के लिए वह विश्व को जीतने निकल पड़ा । सिकंदर के जीवन में बहुत सी घटनाएं हुई ।आईए जानते हैं सिकंदर के बारे में.................

●  सिकंदर की प्रारंभिक शिक्षा  (Initial education of Sikandar) 


सिकंदर बहुत ही बुद्धिमान था ।  सिकंदर की प्रारंभिक शिक्षा दि स्टर्न लियोनीडास आफ एपिरूस के जरिए शुरू हुई थी । सिकंदर के पिता कि इच्छा थी कि सिकंदर को पढ़ाई के साथ साथ युद्ध विद्दा का भी अनुभव हो । सिकंदर ने गणित और घुड़सवारी का अध्ययन किया । सिकंदर को युद्ध की शिक्षा लाईमैक्स द्वारा प्रदान हुई । सिकंदर ने बाकी विषयों से ज्यादा अपना पूरा ध्यान युद्ध विद्दा की ओर एकाग्र किया तभी तो सिकंदर को महान शासक के साथ साथ महान योध्दा भी कहा जाता है ।

" एक मनुष्य के लिए ज्ञान से बढ़कर कोई भी मूल्य वस्तु नहीं हो सकती क्योंकि ज्ञान ही है जिससे हम उस मूल्य वस्तु का भी मूल्यांकन करते हैं ये संसार ज्ञान से परिपूर्ण है कोई गहराई तक जाकर भी नहीं समझ पाता और कोई अपने दिमाग का प्रयोग कर उसे हासिल कर लेता है ।"


●  सिकंदर सम्राट के पद पर  (Alexander The Great as a king)


जब सिकंदर सम्राट बना , फिर तो उसके हाथों से कुछ भी नहीं बचा ।  मकदूनिया के इर्दगिर्द के प्रांतों पर कब्जा करना शुरू कर दिया । सिकंदर की सबसे पहली जीत यूनान में हासिल हुई । उसके बाद उसने एशियाई देशों और एशिया माइनर पर आक्रमण किया । बात करें अगर फारसी साम्राज्य की , तो सिकंदर के साम्राज्य से तकरीबन 40 गुना विशाल था और फारसी साम्राज्य का राजा शाह दारा था लेकिन सिकंदर ने अपनी शक्तियों का प्रयोग किया और शाह दारा को परास्त कर उसका साम्राज्य अपने अधिकार में ले लिया ।

कहीं न कहीं सिकंदर भारत के भी कुछ हिस्सों पर अपना नियंत्रण बनाए रखा था और फारस की ही राजकुमारी थी रूकसाना , जिसके साथ सिकंदर ने शादी की थी ।

" मैं शेरों की सेना से बिल्कुल नहीं डरता जिसका मार्गदर्शन एक भेड़ द्वारा किया जाता है , मैं उन भेड़ों की सेना से डरता हूँ जिसका मार्गदर्शन एक शेर द्वारा होता हो ।"



●  सिकंदर के मार्गदर्शक/गुरु (अरस्तू) (Alexander's guide Aristotle)

शिक्षा ग्रहण के उपरांत सिकंदर के लिए एक नए शिक्षक अरस्तू --------  
को निर्धारित किया गया , जो कि महान दार्शनिक थे और ये भारत के अरस्तू भी कहे जाते थे । सिकंदर जैसे गुणीं व्यक्ति को देखकर अरस्तू उससे बहुत संतुष्ट थे । ऐसा माना जाता है कि सिकंदर के मन में पूरे विश्व पर विजय प्राप्त करने का जो दृढ़ था वो भी गुरु अरस्तू का दिखाया हुआ रास्ता था ।

गणित, विज्ञान, और दर्शनशास्त्र के प्रति जो विचार दिए गए थे उसके द्वारा अरस्तू की योग्यता का उल्लेख किया जा सकता है ।महान अरस्तू ने सिकंदर को 3 साल तक साहित्य शिक्षा का बोध कराया । अरस्तू के मार्गदर्शन से ही सिकंदर और भी योग्य हो गया ।


" एक बात हमेशा याद रखें , यदि आपके स्वाभाव विनम्र हैं तो ये आपका भाग्य निश्चय करता है कि आप अपने जीवन में कितनी ऊचाईयों को छू सकते हैं।"


●  सिकंदर और पोरस के बीच युद्ध  (War between Alexander The Great and King Porus)

राजा पोरस पोरवा के वंशज थे । जिनका साम्राज्य झेलम नदी से लेकर चिनाब नदी तक फैला हुआ था । वर्तमान समय में ये दोनों नदियाँ पाकिस्तान में बहती हैं । पोरस को भारतीय इतिहासकार पुरू भी कहते हैं । सिकंदर और पोरस बीच हुए जंग को ( Hydaspes) कहते हैं , जो कि झेलम नदी का ग्रीक नाम है । सिकंदर दुनिया पर विजय प्राप्त करने निकला था और पोरस के राज्य पर कब्जा करने के मकसद से आया था इसी कारण पोरस और सिकंदर के बीच टकराव हुआ । पोरस बहादुर तो था , लेकिन देशभक्त नहीं ।

पोरस ने युद्ध के दौरान काफी संघर्ष किया लेकिन आखिर में उसे युद्ध हारना पड़ा । 326 ईसा पूर्व में सिकंदर ने भारत पर भी आक्रमण किया । 


●  सिकंदर की मृत्यु  (Sikandar's died)

सिकंदर का शासन काफी दिनों तक चला । पूरी दुनिया पर उसने राज किया । सिकंदर जब बेबीलोन पहुंचे तो वहाँ उनकी तबियत थोड़ी खराब हो गई । वो मलेरिया से पीड़ित थे और जून 323 ईसा पूर्व में 33 वर्ष की उम्र में उनका देहांत हो गया ।


"अगर जिंदगी प्रश्न पत्र है तो संघर्ष अवश्य ही उसका उत्तर बनती है।"
जिंदगी मे कुछ ऐसा कर जाओ कि लोग तुम्हे अपने जीवन का एक उदाहरण बनाए। जाते-जाते लोगों को कुछ सीख देकर जाओ, जिससे आने वाले इतिहास के प्रथम पन्ने पर तुम्हारा नाम लिखा हो।




 

















            


  


  





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