मुम्बई धारावी का इतिहास

सपनों के शहर मुम्बई को तो आप सब जानते ही हैं, और जहाँ तक मेरा मानना है ये भारत में रहने वाले लगभग हर इंसान के सपनों का शहर होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके सपनों के शहर में धारावी नाम की एक बस्ती बसी हुई है, जो जनसंख्या की दृष्टि से अगर देखा जाए तो विश्व का सबसे बड़ा स्लम एरिया (बस्ती) है। जो 2 km. के क्षेत्र में फैला हुआ है । और इसकी जनसंख्या लगभग 12 लाख से भी अधिक है । और यह जनसंख्या विश्व के कई सारे देशों की जनसंख्या से अधिक है।         आइये धारावी से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में जानते हैं।

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 धारावी की जनसंख्या के   मुख्य तथ्य 

आज जिस जगह पर आप धारावी स्लम बसा हुआ देख रहें हैं कई साल पहले लगभग 18वीं सदी में उस जगह पर एक आइलैंड हुआ करता था, जहाँ पर मछुआरे अपने जीविकोपार्जन के लिए मछली पालन का काम किया करते थे। वक़्त बीतता चला गया और देखते ही देखते उस आइलैंड का पानी सूखता चला गया और एक वक़्त ऐसा आया कि उस आइलैंड का पानी पूरी तरह सूख गया, और वहाँ की जमीन दलदल हो गई । जिससे मछलीपालन का काम तो बंद हो गया, किन्तु लोगों ने उस दलदल जमीन पर अपना घर  बना कर रहना प्रारंभ कर दिया । जो लोग पहले आये उन्होंने बड़ा घर बना लिया और जैसे-जैसे लोगों की संख्या में वृद्धि होती गई वैसे-वैसे घरों का आकार छोटा होता चला गया । और देखते ही देखते धारावी की जनसंख्या इतनी बढ़ गई कि कब यह एशिया सबसे बड़ा स्लम एरिया बन गया पता ही नही चला।यहाँ पर ध्यान देने वाली एक महत्वपूर्ण बात यह है कि धारावी को एशिया का सबसे बड़ा स्लम तो कहा जाता है लेकिन यह केवल जनसंख्या की दृष्टि से एशिया का सबसे बड़ा स्लम है, न की क्षेत्र की दृष्टि से। किन्तु यदि हम क्षेत्र की दृष्टि से देखें तो ये मैक्सिको के मेजा चालको इट्ज़ा     और  करांची के ओरांगी स्लम  की तुलना में एशिया का दूसरा और विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्लम एरिया है ।    मुम्बई की प्राइम लोकेशन में बसा हुआ यह स्लम फेमस इलाकों जैसे माहिम , नकुंडरा, सियान और बांद्रा से घिरा हुआ है। और ये मुम्बई में फैली दो रेलवे लाइनों के बीच बसा हुआ है । धारावी जैसे बड़े स्लम एरिया की         जनसंख्या का पता लगाना कोई आम बात नही था। यह काम बहुत ही मुश्किल था।  किन्तु कुछ सालों में हुई      जनगणना के हिसाब से अगर देखा जाए तो यहाँ की कुल जनसंख्या लगभग 12 लाख से भी अधिक है। जो कि      विश्व के कई सारे देशों जैसे ग्रीनलैंड, इजरायल, बहरी,      फिजी आदि की जनसंख्या से कई गुना अधिक है ।        इसकी आबादी इतनी अधिक है इसी कारण इसे विश्व का सबसे बड़ा और घनी आबादी वाला स्लम बोला जाता है । क्योंकि जाहिर सी बात है कि 2 km. जैसे छोटे इलाके में 12 लाख से भी अधिक लोगों का रहना कोई आम बात नही है। यहाँ रहने वाली जनसंख्या में लगभग 63% हिन्दू हैं, 30% मुस्लिम हैं, 6% ईसाई हैं, और 1% में अन्य सभी धर्म के लोग रहते हैं ।


 धारावी में लोगों के व्यापार,   व्यवसाय से जुड़े कुछ मुख्य    तथ्य   



धारावी में लोग अपने जीविकोपार्जन के लिए कई प्रकार के व्यवसाय करते हैं। जिससे बहुत से लोगो को रोजगार भी मिलता है। यहाँ कपड़ा, मिट्टी के बर्तन, स्टील, और चमड़ा आदि का उत्पादन करने वाली लगभग 500 से भी ज्यादा  मैन्युफैक्चरिंग यूनिट हैं। धारावी के अंदर लगभग 15000 से भी अधिक सिंगल कमरे के कारखाने चलाये जाते हैं । और इन कारखानों में बनने वाली वस्तुओं को   केवल भारत में ही नही बल्कि पूरी दुनिया में ई-कामर्स वेबसाइट के द्वारा  बेचने के लिए सप्लाई किया जाता है।इतना अधिक व्यापार विस्तार होने के कारण ही अकेले धारावी की वार्षिक कमाई लगभग 650 मिलियन अमेरिकी डॉलर से 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाती है। यदि धारावी की वार्षिक आय की तुलना टोंगा, किरिबाती और तुआलू जैसे देशों से की जाए तो धारावी की वार्षिक आय इन सभी देशों की इकोनामी से कई गुना ज्यादा है । और इससे आप आसानी से समझ सकते हैं कि धारावी के ये व्यवसाय भारत की इकोनामी में कितनी मदद करते होंगे। यहाँ का प्रमुख व्यवसाय री-साइक्लिंग का है । धारावी में री-साइक्लिंग का व्यापार काफी बड़े पैमाने पर किया जाता है । इस स्लम में केवल मुम्बई या महाराष्ट्र ही नही बल्कि सम्पूर्ण भारत से आने वाले प्लास्टिक के कबाड़ को री-सायकिल किया जाता है ।और इस काम की वजह से बहुत से लोगों को रोजगार भी मिलता है। री-साइक्लिंग का ये व्यापार धारावी के लगभग ढाई लाख लोगों को रोजगार देता है । यहाँ प्लास्टिक के साथ-साथ काँच और धातु जैसे कबाड़ को भी री-सायकल किया जाता है। धारावी में काम करने वाला हर व्यक्ति लगभग 10 हजार से 12 हजार तक प्रतिमाह कमा लेता है , जो कि आम मजदूरों को मिलने वाली मजदूरी से काफी अधिक और बेहतर है ।


 धारावी में शिक्षा का महत्व  


धारावी जैसी झुग्गी बस्ती में शिक्षा का बहुत ज्यादा महत्व है, और ये एक सराहनीय बात है। यह एक स्लम एरिया होने के बावजूद न यहाँ टैलेंट की कोई कमी है और न ही उस टैलेंट को बढ़ावा देने वालों की कोई कमी है। क्योंकि आमतौर पर ऐसी जगहों में लोगों के लिए न तो शिक्षा का कोई महत्व होता है और न ही लोग इसे बढ़ावा देते हैं। और ऐसे में धारावी स्लम में शिक्षा का इतना महत्व होना काबिले तारीफ़ है। 2016 में यहाँ रहने वाली 12 से 14 साल की कुछ टैलेंटेड लड़कियों ने 3  एंड्रॉयड ऐप बना के सब को हैरान कर दिया था। इसमे पहले ऐप का नाम है   पढ़ाई है मेरा हक ।इस ऐप के जरिये लोग हिंदी, गणित व अंग्रेजी की कुछ बेसिक पढ़ाई कर सकते हैं।।               दूसरे ऐप का नाम  वोमेन फाइट बैक  है । ये महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टि से बनाया गया है, इसे महिलाएं अपनी सुरक्षा के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं। तीसरे ऐप का नाम है  पानी है जीवन।  इसे इसलिए बनाया गया है ताकि यहाँ रहने वाले लोगों के बीच होने वाली पानी की मारामारी को रोका जा सके । और इसके वजह से लोगो का काफी वक्त भी बच जाता है, जो पहले पानी के इंतजार में घंटों खड़े रहने से बर्बाद हो जाता था । ये ऐप अपने रजिस्टर्ड यूजर्स को नल में पानी आते ही एक अलर्ट मैसेज भेज देता है , और इस तरह पानी के इंतजार में घंटो तक बर्बाद होने वाला लोगों का वक्त बच जाता है । इसके अलावा धारावी भारत का सबसे ज्यादा शिक्षित स्लम एरिया है। और यदि बात की जाए इस इलाके की साक्षरता दर की तो वो 69% से भी ज्यादा है ।शिक्षा के क्षेत्र में धारावी जैसे स्लम एरिया का ऐसा योगदान वाकई काबिले तारीफ़ है।


धारावी की पर्यटकों में            लोकप्रियता  


धारावी की लोकप्रियता केवल भारत या एशिया ही नही बल्कि सम्पूर्ण विश्व में है। धारावी पूरी दुनिया में बहुत प्रसिद्ध है। और इस बात का पता इससे लगाया जा सकता है, की जो विदेशी पर्यटक भारत घूमने आते हैं उनकी लिस्ट में धारावी का नाम सबसे ऊपर रहता है ।और इसी कारण उन विदेशी पर्यटकों को धारावी का गाइडेड टूर भी ऑफर किया जाता है, और इस गाइडेड टूर की मदद से विदेशी लोग धारावी के लोगों के जीवन और उनकी जीवनशैली को काफी बारीकी से समझ पाते हैं । और ऐसे ही धीरे-धीरे धारावी का विकास होता चला जा रहा है।


  धारावी का बॉलीवुड से         संबंध   


धारावी हमेशा से ही बॉलीवुड और हिंदी फिल्म जगत का एक अहम हिस्सा रहा है ।ऑस्कर विजेता फ़िल्म              स्लम डॉग मिलेनियार  को भारत के धारावी स्लम में ही शूट किया गया था। मशहूर फिल्म डिरेक्टर और राइटर सुधीर मिश्रा की 1992 में आई  धारावी  नाम की फ़िल्म में धारावी के लोगों के जीवन को काफी बारीकी से दिखाया था । जिसके कारण इस फ़िल्म ने नेशनल अवार्ड भी जीता था । इसके अलावा बहुत सी फिल्मे जैसे - दीवार, परिंदा, सलाम बॉम्बे, गल्ली बॉय, भूतनाथ रिटर्न्स, अमीर की शूटिंग धारावी में ही हुई है ।इसके अलावा धारावी में काम करने वाले बहुत से जूनियर कलाकार धारावी से ही आते हैं। इसीलिए धारावी और बॉलीवुड का ये रिश्ता अटूट है ।


 धारावी के कुछ अन्य प्रमुख तथ्य 


क्या आप जानते हैं कि धारावी में एक धारावी रॉक्स नाम का जंक बैंड भी है, जो कि बहुत ही लोकप्रिय है। इस जंक बैंड में धारावी स्लम के ही  12 से 15 लड़के हैं, जो कि कचरा बिनने का काम करते हैं ।और अगर इस बैंड के खासियत कि बात की जाए तो इस बैंड की खासियत यह है कि ये लोग म्यूजिक बनाने के लिए ओरिजनल म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट्स के स्थान पर पानी के डिब्बे, छड़ी, काँच की बोलतें, और धातु की बनी हुई अन्य किसी चीजों का इस्तेमाल करते हैं।और यही वजह है कि इस बैंड को टैलेंटेड के साथ क्रिएटिव भी माना जाता है ।


 धारावी का बॉलीवसे संबंध















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