एक कविता ऐसी जो आपकी जिंदगी बदल दे*****

तू खुद की खोज में निकल,
   तू किसलिए हताश है।।
   तू चल तेरे वजूद की,
   समय को भी तलाश है।।

● जो तुझसे लिपटी बेड़ियाँ,
   समझ न इनको वस्त्र तू।।
   ये बेड़ियाँ पिघाल के,
   बना ले इनको शस्त्र तू।।

● चरित्र जब पवित्र है,
   तो क्यों है ये दशा तेरी।।
   ये पापियों को हक नहीं,
   कि लें वो परीक्षा तेरी।।

● जला के भस्म कर उसे,
   जो क्रूरता का जाल है।।
   तू आरती की लौह नहीं,
   तू क्रोध की मशाल है।।

● चुनर उड़ा के ध्वज बना,
   गगन भी कंपकपाएगा।।
   अगर तेरी चुनर गिरी,
   तो एक भूकंप आएगा।।

● गर जुनून हो सर पर तेरे,
   और अंतर में हो विश्वास।।
   फिर ठोकर और ठुकराने का,
   होगा कहाँ तुम्हें एहसास।।

● मक्सद में सच्चाई है तो,
   सीना ठोक कर यही कहो।।
   झुकना होगा दुनिया तुमको,
   विश्वास पर अपने अड़े रहो।।

● मैं उस माटी का वृक्ष नहीं,
   जिसको नदियों ने सींचा है।।
   बंजर माटी में पलकर मैने,
   मृत्यु से जीवन खींचा है।।

● मैं पत्थर पर लिखी इबारत हूँ,
   शीशे से कब तक तोड़ोगे।।
   मिटने वाला मैं नाम नहीं,
   तुम मुझको कब तक रोकोगे।।

मुश्किल बहुत है, मगर वक्त ही तो है
गुजर जाएगा....
जिंदा रहने का ये जो जज्बा है
फिर उभर आएगा!!!!!


माना मौत चेहरा बदल कर आई है
लेकिन हमने भी. उससे न डरने की कसम खाई है
लोग दरवाजे पे रस्तों पे रूके बैठे हैं
कई घबराए हैं सहमें है छिपे बैठे हैं 
मगर यकीन रख 
ये बस लम्हा है
दो पल में बिखर जाएगा।

मुश्किल बहुत है, मगर वक्त ही तो है
गुजर जाएगा।।।

ये वो कहर है जो दुनिया को डराने आया है***
मगर नासमझ है वो, जो इंसान को हराने आया है....
इतिहास गवाह है
ये सफलता तक पहुँचेगा
आने वाला वो हर एक दिन न संघर्ष से भरा होगा

मुश्किल बहुत है, मगर वक्त ही तो है★★★★★
तू हिम्मत रख ★★★★
ये मुश्किल समय भी गुजर जाएगा★★★
गुजर जाएगा★★
                                
                                     "हरिवंशराय बच्चन".......

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