मुगल साम्राज्य का इतिहास:




मुगल साम्राज्य सन् 1526 ई० में स्थापित हुआ और 1858 ई० तक चला था। मुगल साम्राज्य का पहला शासक बाबर था, जिसने मुगल साम्राज्य की स्थापना की। ये मध्य एशिया से आया हुआ था। भारत में आक्रमण करने से पहले ये काबुल का शासक हुआ करता था। सन् 1526 में बाबर ने भारत पर आक्रमण किया और पानीपत के मैदान में लोदी वंश के शासक इब्राहिम लोदी को हराया और यहाँ पर मुगल साम्राज्य की नींव रखी।

1 - बाबर (1526 ई० से 1530 ई०)

बाबर का जन्म 1483 ई० में फरगना में हुआ था। बाबर का पूरा नाम जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर था। बाबर ने 1526 में पानीपत के युद्ध में इब्राहिम लोदी और उसके समर्थकों को हराया। सन् 1528 में बाबर ने चंदेरी में राजपूतों को हराया और अपनी मृत्यु से पहले दिल्ली और आगरा में मुगल नियंत्रण स्थापित किया। बाबर को अपनी उदारता के लिए कलन्दर की उपाधि दी गई थी। बाबर ने अपनी आत्मकथा में "बाबरनामा" की रचना की, जो कि तुर्की भाषा में थी।
बाबर को मुंबई यान नामक पद्शैली का भी जन्मदाता माना जाता है। बाबर प्रसिद्ध नक्शबंदी सूफी ख्वाजा उबैदुल्ला अहरार का अनुयायी था। 

2 - हुमायूँ (1530 ई० से 1540 ई० तक) और (1555 ई० से 1556 ई०)

सन् 1533 ई० में हुमायूँ ने दिल्ली में दीनपनाह की स्थापना की थी। हुमायूँ ने अपने पिता के वसीयत के अनुसार जायदाद का बँटवारा किया था। प्रत्येक भाई को एक एक राज्य मिला। उसके भाई मिरजा के कारण हुमायूँ अपने अफगान के प्रतिद्वंद्वियों के सामने कमजोर पड़ गया। शेरखान ने उसे दो बार हराया पहली बार 1539 में चौसा के युद्ध में हराया और दूसरी बार 1540 में बिलग्राम या कन्नौज के युद्ध में हराया। 1555 में हुमायूँ ने सिकंदर सूरी को हराकर दोबारा दिल्ली पर कब्जा कर लिया।

1 जनवरी सन् 1556 को दीनपनाह भवन की सीढ़ियों से गिरने के कारण हुमायूँ की मृत्यु हो गई। लेनपूल ने हुमायूँ पर लिखा है कि हुमायूँ आजीवन लड़खड़ाता रहा और लड़खड़ाते हुए अपनी जान दे दी।

3 - शेरशाह सूरी (1540 ई० से 1545 ई०)

शेरशाह सूरी सूर साम्राज्य का संस्थापक था। इसके बचपन का नाम "फरीद खाँ" था। शेरशाह ने ग्रांड ट्रंक रोड बनवाई। शेरशाह की बहादुरी से प्रभावित होकर बिहार के अफगान सुल्तान मुहम्मद बहार खाँ लोहानी ने उसे शेर खाँ की उपाधि दी थी। डाक प्रथा का प्रचलन शेरशाह द्वारा किया गया था। मलिक मुहम्मद जायसी ने पद्मावत की रचना शेरशाह के शासनकाल में की थी। शेरशाह की मृत्यु 1545 में कालिंजर के किले को जीतने में हुई थी। शेरशाह का मकबरा "सासाराम" में है। रोहतासगढ़ किला और किला-ए-कुल्ह शेरशाह ने बनवाया था।

4 - अकबर (1556 ई० से 1605 ई०)

 अकबर का जन्म 15 अक्टूबर, 1542 को अमरकोट के राणा वीरसाल के महल में हुआ था। 13 साल की उम्र में ही अकबर सम्राट बन गया था। पानीपत के द्वितीय युद्ध में अकबर ने हेमू को पराजित किया था। हल्दीघाटी का युद्ध 18 जून, 1576 को मेवाड़ के शासक महाराणा प्रताप और अकबर के बीच हुआ था जिसमें अकबर विजयी हुआ। अकबर के शासनकाल को तीन भागों में बाँटा जा सकता है।

1- 1556 से 1570 

इसके बीच अकबर अपने संरक्षक बैरमखाँ और अपने घरेलू कर्मचारियों से आजाद हो गया था। उसने सूर्य और भी कई अफगानों निकटवर्ती राज्यों, मालवा और गोंडवाना और अपने सौतेले भाई मिरजा हाकिम और उस समय के विद्रोह को खत्म करने के लिए अनेकों सैन्य अभियान चलाए। साल 1568 में अकबर ने चित्तौड़ और 1569 में रणथंभौर पर कब्जा कर लिया था।

2- 1570 से 1585

इसके बीच अकबर ने गुजरात के खिलाफ सैन्य अभियान चलाया इस अभियान के बाद उसने पूरब में बिहार, बंगाल और ओड़िशा में अभियान चलाया।

3- 1585 से 1605 

इस समय में अकबर के साम्राज्य का विस्तार हुआ और मिरजा हाकिम की मृत्यु के बाद अकबर ने काबुल को भी अपने राज्य में शामिल कर लिया। अपने शासन के अंतिम साल में अकबर की सत्ता राजकुमार सलीम की वजह से खराब हो गई थी और यही सलीम आगे चलकर जहांँगीर कहलाए। अकबर का मकबरा सिकंदरा में स्थित है।

अकबर के दरबार के नवरत्न थे - मुल्ला दो प्याजा, राजा मानसिंह, अब्दुल रहीम खानखाना, टोडरमल, हकीम खाँ, फैजी, अबुल फजल बीरबल और तानसेन। दीन-ए-इलाही धर्म को मानने वाला प्रथम एवं अंतिम हिंदू बीरबल था।

5 - जहाँगीर (1605 ई० से 1627 ई०)

 जहाँगीर का जन्म 30 अगस्त, 1569 में हुआ था। इसने अकबर के सैन्य अभियानों को आगे बढ़ाया। मेवाड़ के सशोड़िया शासक अमर सिंह ने मुगलों की सेवा स्वीकार की। जहाँगीर की आत्मकथा तुजुक-ए-जहाँगीरी है। जहाँगीर का मुख्य शिक्षक अब्दुर्रहीम खानखाना था। जहाँगीर के दरबार में प्रमुख चित्रकार आगा रजा, अबुल हसन, उस्ताद मन्सूर, मुहम्मद नासिर, मुहम्मद मुराद तथा फारूख बेग थे। 

जहाँगीर के मकबरे का निर्माण नूरजहाँ ने करवाया था। नूरजहाँ का वास्तविक नाम मेहरून्निसा था। नूरजहाँ की माँ अस्मत बेगम ने गुलाब से इत्र निकालने की विधि की खोज की थी। जहाँगीर के अंतिम शासनकाल में राजकुमार खुर्रम ने उनके खिलाफ विद्रोह कर दिया था। यही राजकुमार खुर्रम आगे चलकर शाहजहाँ के नाम से प्रसिद्ध हो गए।

6 - शाहजहाँ (1627 ई० से 1658 ई०)

शाहजहाँ का जन्म 1592 ई० में लाहौर में हुआ था। दक्कन में शाहजहाँ के अभियान जारी रहे। अहमद नगर के खिलाफ अभियान चलाए गए, उसमें बुंदेलों की हार हुई। 1612 में खुर्रम का विवाह आसफखां की बेटी अरजुमंद बानो बेगम (मुमताजमहल) से हुआ। मुमताजमहल की याद में शाहजहाँ ने आगरा में ताजमहल का निर्माण करवाया। शाहजहाँ ने मयूर सिंहासन का निर्माण करवाया। शाहजहाँ के शासनकाल को स्थापत्य कला का स्वर्ण युग कहा जाता है।

शाहजहाँ द्वारा बनवाई गई मुख्य इमारतें जो निम्नलिखित हैं:

दिल्ली का लाल किला, दीवाने आम, दीवाने खास, दिल्ली की जामा मस्जिद, आगरा की मोती मस्जिद और ताजमहल।
शाहजहाँ के दरबार में प्रमुख चित्रकार मुहम्मद फकीर एवं मीर हासिम थे। शाहजहाँ ने संगीतकार लालखाँ को गुणसमन्दर की उपाधि दी थी। 1658 में औरंगजेब ने शाहजहाँ को बंदी बना लिया और 1666 में उसकी मृत्यु हो गई। दाराशिकोह शाहजहाँ का सबसे विद्वान पुत्र था।

7 - औरंगजेब (1658 ई० से 1707 ई०)

औरंगजेब को "जिंदा पीर" कहा जाता है। 3 नवंबर, 1618 को गुजरात के दोहद नाम के जगह पर हुआ था। औरंगजेब का दो बार राज्याभिषेक हुआ। औरंगजेब ने बीवी का मकबरा औरंगाबाद (महाराष्ट्र) में बनवाया। औरंगजेब ने दिल्ली में सिक्खों के 9वें गुरु तेगबहादुर की हत्या करवा दी थी। 1707 में औरंगजेब की मृत्यु हो गई।





















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