विश्व के 7 अजूबे

1 - पेत्रा (Petra)                  

                          पेत्रा जाॅर्डन देश में है ये एक प्राचीन शहर है जिसमें भव्य इमारतें हैं। इस शहर को देखकर ये पता चलता है कि उस समय भी लोगों के पास बड़ी से बड़ी तकनीकें हुआ करती थी। इस शहर को 312 ई.पू. में बनाया गया था और यही कारण है कि इसे दुनिया के सबसे पुराने शहरों में गिना जाता है। इस शहर पर कई शताब्दियों तक नाजीय साम्राज्य के कई राजाओं ने शासन किया था।


इस शहर का इतिहास, उन्नति, सभ्यता और कलात्मक के लिए इसे 1985 में यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया था, जिसे सन् 2007 में दुनिया की आश्चर्य सूची में इसका नाम भी जोड़ दिया गया।

2 - द ग्रेट वॉल ऑफ चाइना (The Great Wall of China)

                                                     इसकी दीवार दुनिया की सबसे लंबी दीवार मानी जाती है जिसे चीन की सुरक्षा के लिए पाँचवीं सदी से सोलाहवीं सदी के बीच बनवाया गया था। इस दीवार को अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है। ये दीवार 21.19 मिलियन मीटर लंबी है। इस दीवार का कुछ भाग ऐसा भी है जो आपस में नहीं जुड़ा है। इसको बनाने में लगभग 25-30 लाख लोगों का योगदान है। चीन के पूर्व सम्राट किन शी हुआंग उनकी कल्पना के अनुसार इस दीवार को तैयार होने में लगभग 2000 साल लगे थे।



 इस दीवार को लंबी कब्रिस्तान के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसका निर्माण होते समय जिन मजदूरों की मौत हो जाती थी उन्हें यहीं दफन कर दिया जाता था। सन् 1912 में मंगोल का क्रूर राजा चंगेज खान इस दीवार को तोड़कर चीन आया था। चीन के उत्तरी भाग में सनई दर्रे के पास द ओल्ड ड्रेन है जहाँ पर ये दीवार खत्म हो जाती है।

3 - क्राइस्ट द रिडीमर (Christ The Redemmer)

                                             ये ब्राजील के शहर रियो डी जेनेरियो में मौजूद ईसामसीह की एक बहुत बड़ी प्रतिमा है जो दुनिया की सबसे ऊँची प्रतिमाओं में से एक है। इस प्रतिमा को ब्राजील में रहने वाले इसाईयों की श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है। इस मूर्ति को बनाने में लगभग 9 साल का समय लगा था। इसे 1922 में बनाना शुरू किया गया था और 1931 में बनकर तैयार हो गया था। इसको बनाने में करीब ढ़ाई लाख अमेरिकी डॉलर की लागत आई थी। जिसे ब्राजील के ही कैथोलिक इसाईयों ने मिलकर चंदा इकट्ठा करके बनवाया था।



ये 40 मीटर लंबी और 30 मीटर चौड़ी है और इसका वजन 365 टन के आसपास है। इस प्रतिमा तक पहुँचने के लिए ब्राजील की सरकार ने सन् 2003 में इसके आसपास सीढ़ियाँ, पैदल जाने का रास्ता और रेलवे का निर्माण करवा दिया।

4 - ताज महल (The Taj Mahal)

                                इसे शाहजहां ने बनवाया था। इन्होंने सात शादियाँ की थी और अपनी चौथी बेगम मुमताज की याद में ताजमहल बनवाया था। इसको बनाने में 22 साल लगे और 20,000 मजदूरों द्वारा इसे बनाया गया था। 3.2 करोड़ की लागत से इसका निर्माण हुआ था। इसको बनाने में 28 तरह के अलग अलग पत्थरों का प्रयोग किया गया था। ताजमहल में संगमरमर के पत्थर राजस्थान, अफ्गानिस्तान, तिब्बत और चीन से मँगवाया गया था और इन चीजों को ले जाने और ले आने में हजार हाथियों का इस्तेमाल किया गया था।


5 - कोलोजियम (Colosseum)

                                   ये इटली देश के रोम शहर में रोमन साम्राज्य द्वारा बनाया गया है। ये एक बड़ा स्टेडियम है जो 24,000 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यहाँ पर हर साल लगभग 42 लाख लोग इसे देखने आते हैं। इस जगह पर जानवरों की लड़ाई, खेल कूद और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुआ करते थे। इसका निर्माण 42 ई. शताब्दी के बीच शुरू हुआ था जिसे 80वीं शताब्दी में सम्राट टाइटस द्वारा पूरा किया गया था। इस स्टेडियम में 50,000 दर्शक आ सकते थे।



इसके इतिहास की ओर चलें तो 10 लाख से भी ज्यादा मनुष्य और 4 लाख जानवर इन खेलों में मारे गए। साल में दो बार भव्य आयोजन किया जाता था। इस स्टेडियम में 80 से ज्यादा प्रवेश द्वार बनाए गए थे। सन् 1857 में आए हुए भूकंप के कारण इसका दक्षिणी भारत को नष्ट कर दिया था जिसकी वजह से अब उसका थोड़ा बहुत ही हिस्सा बच पाया है। 

6 - माचू पिच्छू (Machu Pichhu)

                                               ये दक्षिण अमेरिका द्वीप के पेरू देश में स्थित एक प्राचीन जगह है। दुनिया के इस आश्चर्य की खोज साल 1911 में एक अमेरिकन इतिहासकार ऐरमबिखम ने की थी। जिसमें हाथों से पॉलिश किए हुए पत्थरों का इस्तेमाल किया गया था। यहाँ पर कई हजार मानव के कंकाल भी मिले हैं लेकिन इसमें सबसे हैरान कर देने वाली बात ये है कि इसमें से अधिकांश कंकाल महिलाओं के थे।



7 - चीजेन इट्जा (Chichen Itza)

                                                 ये मेक्सिको में मौजूद है। इसका निर्माण 600 ई.पू. में हुआ था। ये इमारत माया सभ्यता की प्राचीन वास्तुकला को दर्शाते हैं। ये स्थान माया सभ्यता का मुख्य केंद्र माना जाता है। ये मंदिर पिरामिड की आकृति से मिलता जुलता है। इसकी ऊँचाई 80 फीट है। इसके ऊपर जाने के लिए चारों तरफ सीढ़ियों का बंदोबस्त किया गया है। हर दिशा में 91 सीढ़ियाँ बनाई गई है। ये माया सभ्यता का सबसे बड़ा शहर था।      


                

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