पूर्व बांग्लादेशी प्रधानमंत्री खालिदा जिया नहीं रही
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की प्रमुख बेगम खालिदा जिया का 30/12/2025 मंगलवार की सुबह ढाका के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया | वो काफी लम्बे समय से गंभीर रूप से अस्वस्थ थी और इलाज के दौरान उन्होंने 80 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कहा | पार्टी की तरफ से जारी संदेश के मुताबिक़ सुबह फज्र की नमाज के बाद लगभग 6 बजे उनका देहांत हुआ |
राजनीति में प्रवेश
खालिदा का जन्म उस दौर में हुआ था जब भारत-पाकिस्तान का विभाजन नही हुआ था | खालिदा का जन्म 15 अगस्त 1945 को जलपाईगुड़ी नाम के शहर में हुआ जो उस समय ब्रिटिश शासन वाले भारत का हिस्सा था | उस समय जलपाईगुड़ी दीनाजपुर जिले के अंतर्गत आता था और आज ये जगह पश्चिम बंगाल राज्य का हिस्सा है | साल 1947 में देश के बंटवारे के बाद उनका परिवार भारत से दीनाजपुर स्थानांतरित हो गया, जो इस वक़्त बांग्लादेश में है |
1960 में मात्र 15 साल की उम्र में उन्होंने सेना अधिकारी जियाउर रहमान से विवाह किया | 1975 में शेख मुजीबुर रहमान की हत्या के बाद देश में अस्थिरता फ़ैल गई और 1977 में जियाउर रहमान राष्ट्रपति बनें | इन्होने ने ही बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की नींव रखी थी लेकिन 30 मई 1981 को चिटगांव में हुए एक सैन्य विद्रोह के दौरान उनकी हत्या कर दी गई | पति की मृत्यु के बाद BNP कमजोर पड़ने लगी, ऐसे में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के सिफारिश पर खालिदा जिया ने 1984 में पदाभार संभाला | इसके बाद 1991 में हुए पहले लोकतांत्रिक चुनाव में जीत हासिल कर वो बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं |
राजनीति की दो धुरी
बांग्लादेश की सियासत लंबे अरसे तक दो प्रमुख महिला नेताओं के वर्चस्व में रही | आवामी लीग का नेतृत्व संभाल रही शेख हसीना और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की अध्यक्ष खालिदा जिया जब सामने आई तो ये सिर्फ सत्ता की लड़ाई नहीं रही | मीडिया ने इस कड़े और लंबे राजनीतिक संघर्ष को "बैटल ऑफ बेगम्स" के रूप में पहचान दी | 1990 के बाद जब - जब देश में आम चुनाव हुए, सत्ता का पलड़ा या तो शेख हसीना के पक्ष में झुका या फिर खालिदा जिया की पार्टी सरकार में पहुँची |
दो बार संभाली देश की कमान
खालिदा जिया ने दो अलग - अलग कार्यकाल में प्रधानमंत्री पद संभाला | पहली बार वो 1991 से 1996 तक और दूसरी बार 2001 से 2006 तक सत्ता में रहीं | उनके पति जियाउर रहमान बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के संस्थापक और देश के राष्ट्रपति रह चुके थे | देश की राजनीति की सबसे चर्चित तथा विवादों से जुड़ी नेताओं में गिनी जाती थी | BNP की शीर्ष नेता और दो कार्यकाल तक प्रधानमंत्री रहते हुए, उन्होंने लंबे समय तक राजनीति में निर्णायक असर डाला |
बेटे से आखिरी मुलाक़ात
खालिदा जिया का निधन ऐसे समय हुआ, जब हाल ही में उनका बेटा तारिक रहमान लंबे अंतराल के बाद बांग्लादेश लौटा था | वो वर्ष 2008 से लंदन में रह रहे थे | करीब 17 साल बाद माँ - बेटे की पहली मुलाक़ात अस्पताल में हुई थी | जहाँ उनके बड़े बेटे तारिक रहमान पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, वहीँ छोटे बेटे अराफात रहमान का 2015 में हृदयाघात के कारण निधन हो गया था |
खालिदा जिया बांग्लादेश की राजनीति में एक बेहद प्रभावशाली चेहरा रही हैं | वो देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थी और उन्होंने राजनीतिक इतिहास में ख़ास जगह बनाई | लंबे समय से उनकी तबियत लगातार बिगड़ती जा रही थी | उन्हें गठिया, डायबिटीज और लीवर से जुड़ी कई समस्याएं थी | उनके निधन के बाद बांग्लादेश का एक अहम अध्याय समाप्त होता माना जा रहा है |



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