आज  कमजोर  पड़ी  इंडिगो  की 

शुरुआत  कैसे हुई थी 


हर  बड़ी  सफलता  की  कहानी  में  एक  ऐसा  दौर  ज़रूर  आता  है  जब  सब  कुछ  अस्थिर  होने  लगता  है |  कुछ  ऐसी  ही  घटना  हुई  है  भारत  की  सबसे  चर्चित  एयरलाइन  के  साथ |  आज  जब  इंडिगो  की  उड़ान  रद्द  होने  की  ख़बरें  दुनिया  भर  में  सुर्खियाँ  बन  रही  हैं  तब  ये  सवाल  उठाना  वाजिब  है  की  जो  एयरलाइन  ऑन  टाइम  परफॉरमेंस  की  पहचान  थी  वो  इस  पड़ाव  तक  कैसे  पहुँची ?  तो  चलिए  ले  चलते  हैं  आपको  इंडिगो  की  लम्बी  यात्रा  पर -




"India  On  The  Go"  से  बनी  IndiGo   


इंडिगो  की  नींव  दो  दोस्तों  ने  "राकेश  गंगवाल  और  राहुल  भाटिया"  ने  मिलकर  रखी  थी |  साल  2005  में  इंडिगो  एयरलाइन्स  ने  भारत  को  एक  नई  पहचान  दी  और  सबसे  भरोसेमंद  एयरलाइन  बन  गयी |  4  अगस्त  2006  को  इंडिगो  ने  दिल्ली  से  गुहाटी  के  लिए  अपनी  पहली  उड़ान  भरी  और  इसके  बाद  से  इंडिगो  ने  सिर्फ  ऊँचाइयों  को  छुआ |  इंडिगो  ने  शुरू  से  ही  एक  रणनीति  अपनाई -  समय  की  पाबन्दी,  सरल  सेवाएँ  और  कम  किराया,  इंडिगो  की  यही  रणनीति  उसे  सबसे  अलग  बनाती  है |


इंडिगो  की  शुरुआत  केवल  एक  विमान -  एयरबस A320  से  हुई  थी  और  ये  वो  ज़माना  था  जब  भारतीय  एविएशन  मार्केट  पर  जेट  एयरवेज  का  प्रभुत्व  था |  जहाँ  एक  तरफ  सरकारी  एयर  इंडिया  धाक  जमाए  हुई  थी  वहीं  दूसरी  तरफ  विजय  माल्या  की  किंगफ़िशर  एयरलाइन्स  शानदार  सुविधाओं  से  लैस  आसमान  पर  राज  कर  रही  थी |  इतनी  प्रतिस्पर्धा  के  बावजूद  इंडिगो  ने  अनुशासन  और  सरलता  की  नीति  अपनाई  और  अपने  बेहतर  प्रदर्शन  की  वजह  से  इंडिगो  ने  एक  टाइटल  अपने  नाम  किया -  किंग  ऑफ  एयरलाइन्स   

बोइंग  और  एयरबस  का  जलवा  


दुनिया  भर  में  विमान  बनाने  वाली  दो  कंपनियां -  बोइंग  और  एयरबस  का  प्रभाव  था,  ऐसे  में  इंडिगो  के लिए  एक  बड़ी  खुशखबरी  आई -  राहुल  और  राकेश  ने  एयरबस  से  आधी  कीमत  में  100 A320  विमान  खरीद  लिए  और  सोच  समझकर  विमानों  को  मुनाफे  के  साथ  बेच  दिया |  इस  पूरी  डील  से  इंडिगो  को  200  करोड़  रुपये  का  फायदा  हुआ  और  रकम  का  सही  इस्तेमाल  करते  हुए  इंडिगो  ने  अपने  विमानों  को   लीज पर  लिया  और  देश  के  कई  बड़े  शहरों  में  उड़ान  सेवाएं  शुरू  कीं।

जीत  का  मुकाम  कैसे  हासिल  किया 


इंडिगो  की  कामयाबी  का  राज  था -  सस्ती  और  भरोसेमंद,  इंडिगो  ने  हर  आम  आदमी  तक  अपनी  पहुँच  बनाई  और  लोगों  में  एक  नई  उम्मीद  जगी  कि  अब  हर  सफ़र  और  भी  आसन  होगा |  लो - कॉस्ट  मॉडल  के  चलते  इंडिगो  एयरलाइन  लोकप्रिय  हो गई |  भारतीय  यात्रियों  की  पहली  पसंद  बन  गई -  इंडिगो |

अक्टूबर  2025  तक  भारतीय  एविएशन  मार्केट  में  इंडिगो  की  हिस्सेदारी  65.6  प्रतिशत  थी |  इंडिगो  न  सिर्फ  भारत  की  बल्कि  एशिया  की  भी  दूसरी  सबसे  बड़ी  एयरलाइन  है |

क्या  है  FDTL  नियम

FDTL  का  पूरा  नाम  है -  Flight  Duty  Time  Limitations  यही  वो  नियम  जिसकी  वजह  से  इंडिगो  को  कई  फ्लाइट्स  रद्द  करनी  पड़ी |  FDTL  DGCA  (Directorate  General  Of  Civil  Aviation)  का  नियम  है,  जो  ये  तय  करता  है  कि  पायलट  और  केबिन  क्रू  एक  दिन  में,  एक  हफ्ते  में  और  एक  महीने  में -  कितने  घंटे  काम  कर  सकते  हैं  और  कितना  आराम  करना  ज़रूरी  है |

ये  नियम  इसलिए  ज़रूरी  है  क्योंकि  एक  थका  हुआ  पायलट  और  क्रू  यात्रियों  की  सुरक्षा  की  जिम्मेदारी  नही  ले  सकता  

पिछले  कुछ  दिनों  में  इंडिगो  की  हालत 

  • लगातार  अधिक  उड़ानें 
  • क्रू  की  कमी  और 
  • कुछ  हद  तक  फ्लाइट्स  में  विलम्ब 
 इन  परेशानियों  से  कई  पायलट्स  और  क्रू  FDTL  सीमा  से  ऊपर  पहुँच  गए  और  मजबूरी  में  उड़ानें  रद्द  करनी  पड़ी  और  पूरी  एयरलाइन्स  में  हडकंप  मच  गया |  इंडिगो  की  2000  से  ज्यादा  विमानें  रद्द  हो  चुकी  हैं,  हालाँकि  FDTL  नियम  सभी  एयरलाइन्स  पर  लागू  हुई  लेकिन  इंडिगो  पर  इसका  गहरा  प्रभाव  पड़ा |  देश  की  सबसे  बड़ी  हवाई  कंपनी  की  फ्लाइट्स  कैंसिल  होने  से  पूरा  एविएशन  क्षेत्र  बहुत  बुरी  तरह  प्रभावित  हुआ | 




भारतीय  एविएशन  में  इंडिगो  का  वर्चस्व 

भारत  में  कुल  सात  एयरलाइन्स  कंपनियां  हैं  और  इन  सभी  में  इंडिगो  की  हिस्सेदारी  (65%)  सबसे  अधिक  है |  इंडिगो  की  ये  हिस्सेदारी  उसे  अन्य  एयरलाइन्स  से  अलग  बनाती  है  लेकिन  जब  देश  की  सबसे  बड़ी  और  प्रतिष्ठित  एयरलाइन  थम  जाती  है  तो  पूरा  सिस्टम  हिल  जाता  है |  इंडिगो  का  प्रभाव  इतना  ज्यादा  है  की  अगर  ये  रुक  गया  तो  पूरा  एविएशन  सेक्टर  और  अर्थव्यवस्था  अस्थिर  हो  जाती  है | 


      

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