नाटो (NATO) के बारे में संपूर्ण जानकारी:

North Atlantic Treaty Organization या North Atlantic Alliance भी कहा जाता है। इसकी स्थापना 4 अप्रैल 1950 को हुई थी। इसके पूरे 30 सदस्य देश हैं और इसका मुख्यालय बेल्जियम की राजधानी ब्रूसेल्स में है। नाटो के अनुच्छेद 5 के अनुसार इस संगठन में शामिल सभी सदस्य देश सामूहिक रक्षा के सिद्धांत पर काम करते हैं। नाटो के अध्यक्ष डेनमार्क के प्रधानमंत्री एंडर्स फो रासमुसेन हैं। 




1945 में द्वितीय विश्व युद्ध खत्म हो गया था इस युद्ध के खत्म होने के बाद संयुक्त राष्ट्र अमेरिका और सोवियत संघ जैसे देश शक्तिशाली बन गए। यूरोप में खतरे को देखते हुए ब्रिटेन, फ्रांस, बेल्जियम, नेदरलैंड और लक्सेम्बर्ग ने ब्रूसेल्स की संधि की। इस संधि में ये तय हुआ कि अगर इन देशों में से किसी भी देश पर हमला होता है तो ब्रूसेल्स संधि में शामिल सभी देश एक दूसरे को सामूहिक सैन्य सहायता और सामाजिक आर्थिक से सहयोग देंगे और एक ऐसे संगठन का निर्माण किया गया जो यूरोपीयन देशों की रक्षा कर सके।


इसके निर्माण के समय फ्रांस, बेल्जियम, लक्समर्ग, ब्रिटेन, नीदरलैंड, कनाडा, डेनमार्क, आइसलैंड, इटली, नाॅरवे, पुर्तगाल, संयुक्त राष्ट्र सहित 12 देशों ने हस्ताक्षर दिए थे। इसके अलावा यूनान, तुर्की, पश्चिम जर्मनी और स्पेन जैसे देश भी इसके सदस्य बने। लेकिन अब इसकी सदस्य देशों की संख्या बढ़कर 30 हो गई है।

1- हंगरी 2- आइसलैंड 3-  इटली 4-  लातविया 5-  लिथुआनिया 6- लक्समबर्ग 7- मोंटेनेग्रो 8- नीदरलैंड 9- उत्तर मैसेडोनिया 10- नार्वे 11- पोलैंड 12- पुर्तगाल 13- अल्बानिया 14- बेल्जियम 15- बुलगारिया 16- कनाडा 17- क्रोएशिया 18- चेक प्रतिनिधि 19- डेनमार्क 20- एस्तोनिया 21- फ्रांस 22- जर्मनी 23- यूनान 24- यूनाइटेड किंगडम 25- संयुक्त राज्य अमेरिका 26- तुर्की 27- स्पेन 28- स्लोवेनिया 29- स्लोवाकिया 30- रोमानिया।


नाटो का प्रमुख उद्देश्य:

नाटो का उद्देश्य है कि इसके जो सदस्य देश हैं उनके राष्ट्रों की स्वतंत्रता और सुरक्षा प्रदान करना, सदस्य देशों के बीच एकता और समानता की भावना ले आना। नाटो आतंकवाद की समस्या से निपटने के लिए नई तकनीकों को विकसित करता है और सहकारी सुरक्षा जैसे काम नाटो करता है। इन सबके अलावा नाटो हथियारों का नियंत्रण और इसके अप्रसार के लिए भी काम करता है।

नाटो परिषद समिति की अध्यक्षता महासचिव द्वारा की जाती है। यहाँ पर बहुमत और मत के आधार पर कोई निर्णय नहीं लिया जाता है। नाटो के प्रमुख अंग है...

1 - महासचिव (General Assembly)

महासचिव नाटो का सबसे उच्चतम भाग माना जाता है। इसकी मंत्रिस्तरीय साल में एक बार होती है। इसमें सदस्य देशों के सिविल सेवक होते हैं। इस परिषद का मुख्य कार्य समझौते की धाराओं को लागू करना है।

2 - परमाणु योजना समूह (Nuclear Planning Group)

3 - सैन्य समिति (Military Committee) 

4 - उप समिति (Subordinate Committee)

ये अपने सदस्य देशों के लिए उनकी रक्षा के लिए, राजनीतिक और सैनिक कार्रवाई के लिए भी प्रतिबद्ध है।

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