फुटबॉल का इतिहास


फुटबॉल दुनिया का सबसे पसंदीदा खेल है और भारत में भी ये काफी लोकप्रिय माना जाता है। फुटबॉल का इतिहास बहुत ही रोचक है। फुटबॉल का इतिहास जानने से पहले हमें ये पता होना चाहिए कि फुटबॉल का नाम फुटबॉल ही क्यों पड़ा?? 

फुटबॉल शब्द को लेकर सबके अलग अलग मत हैं कोई ऐतिहासिक साक्ष्य नहीं प्राप्त है लेकिन ऐसा माना जाता है कि पैर से खेले जाने से इसका नाम फुटबॉल रख दिया गया। फुटबॉल को जापान में असूका, अमेरिका में साॅकर और मिश्र में हरपास्टीन के नाम से जाना जाता है।

सन् 1408 में सबसे पहले ब्रिटेन के राजकुमार हेनरी चतुर्थ ने फुटबॉल शब्द का प्रयोग किया था। सन् 1586 में समुद्री जहाज के कप्तान जाॅन डेविस के कार्यकर्ताओं द्वारा ग्रीनलैंड में फुटबॉल खेला गया था।

फुटबॉल का इतिहास लगभग 300 ई.पू से शुरू हुआ था। इसकी शुरुआत चीन से मानी जाती है, चीन में ये खेल सैन्य अभ्यास के लिए खेला जाता था। फुटबॉल खेल चीन में ह्वां वंश से विकसित हुआ और जापान में अंसुका वंश के दौरान केमरी नाम से फुटबॉल खेला जाता था। उस समय गेंद की गोलाई 30-40 सेंटीमीटर तक होती थी और इस खेल में एक बांस का जाल भी प्रयोग किया जाता था।

9वीं से 13वीं शताब्दी के बीच इस खेल में खिलाड़ियों की संख्या निर्धारित नहीं थी और ना ही कोई विशेष प्रकार का नियम बनाया गया था। 15वीं शताब्दी में फुटबॉल नाम से ये खेल स्काॅटलैंड देश में खेला गया। 17वीं शताब्दी में ये खेल 8 या 12 गोल से एक मैच खेला जाता था। 19वीं शताब्दी के ‌दौरान इंग्लैंड के पब्लिक स्कूल में ये खेल व्यापक रूप से खेला जाने लगा।

ऐतिहासकार ऐसा मानते हैं कि फुटबॉल क्लब की शुरुआत सन् 1824 में एडीबर्ग में हुई थी। बाद में और भी क्लब बनाए गए उन्ही में से एक शेफील्ड फुटबॉल क्लब है जिसकी स्थापना 24 अक्टूबर 1857 में हुई थी, ये एक अंग्रेजी फुटबॉल क्लब है और दुनिया का सबसे पुराना फुटबॉल क्लब भी यही है। पहले जो फुटबॉल क्लब होते थे उन्हें विद्यार्थियों द्वारा बनाया जाता था।

सन् 1815 में सर्वप्रथम इटर्न काॅलेज ने फुटबॉल के लिए नियम बनाया। 1863 में पहली फेडरेशन लंदन फुटबॉल एसोसिएशन की स्थापना हुई। हालांकि बीच में कई फेडरेशन ने इसके नियमों को मानने से इंकार कर दिया लेकिन 1886 में फिर से नियम बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई। फुटबॉल का पहला इंटरनेशनल मैच इंग्लैंड और स्काॅटलैंड के बीच 30 नवंबर 1872 को ग्लास्गो में खेला गया लेकिन दोनों टीमों में से किसी की जीत नहीं हुई। इंग्लैंड में मंगलवार के दिन फुटबॉल दिवस के रूप में मनाया जाता है।

फीफा (FIFA) विश्वकप की स्थापना 

सन् 1904 में फीफा का गठन पेरिस में किया गया। इसका उद्देश्य फुटबॉल के नियमों का पालन करना है। अगर भारत की बात करें तो 1880 के दशक में कलकत्ता में बहुत से फुटबॉल क्लबों का निर्माण हो चुका था। 1950 में भारत ने वर्ल्ड कप में जाने का प्रयास तो किया लेकिन भारतीय टीम की आर्थिक स्थिति थोड़ी कमजोर थी और उस समय भारत ने ओलंपिक पर ज्यादा ध्यान दिया।

फीफा से जुड़े पांच अन्य संगठन

1 - AFC  (Asian foot federation)

2 - CAF  (Confederation of African football)

3 - CONCACAF  (Confederation of north central American & carribbean association football)

4 - OFC (Oceania football confederation)

5 - CONMEBOL (Confederation Sudamerican De Futbol)

फुटबॉल के नियम

• फुटबॉल 90 मिनट का खेल होता है, कभी कभार मैच के हिसाब से खेल 90 मिनट से ज्यादा कर दिया जाता है जिसे इंजरी टाइम कहते हैं।

• दोनों टीमों में 11-11 खिलाड़ी होते हैं जिसमें से एक खिलाड़ी गोलकीपर होता है जिसका काम गोल होने से रोकना है और बाकी के दस आउटफील्ड खिलाड़ी होते हैं।

• फुटबॉल फील्ड की लंबाई 90 मीटर और चौड़ाई 45 मीटर होनी चाहिए।

• फुटबॉल के नियम में कुछ शब्दों का भी प्रयोग भी किया जाता है जैसे ड्राप्ड बाॅल, येलो कार्ड, रेड कार्ड।

ड्राप्ड बाॅल कहने से मतलब है जब रेफरी किसी कारण से गेम को रोक देता है जैसे खिलाड़ी को चोट लग जाए या फिर अन्य समस्या आ जाए तो उसे ड्राप्ड बाॅल कहते हैं।

अगर प्लेयर ने मैदान में कोई ग़लती कर दी है तो रेफरी येलो कार्ड दिखाकर प्लेयर को मैदान से बाहर कर देता है। वहीं रेड कार्ड से मतलब है कि खिलाड़ी के बाहर हो जाने से उसकी जगह पर कोई दूसरा खिलाड़ी नहीं आ सकता।

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