सुनील गावस्कर की जीवनी

सुनील गावस्कर उर्फ लिटिल मास्टर को कौन नहीं जानता। क्रिकेट के क्षेत्र में अपनी अनोखी प्रतिभा से कई रिकॉर्ड बनाए हैं। उनके खेल से प्रभावित दुनिया का हर शख्स सुनील गावस्कर का दीवाना है। 

सुनील गावस्कर ने अपने स्कूल समय पर ही डबल सेंचुरी लगा दी थी और आगे चलकर उन्होंने कई रिकाॅर्डस बनाए। इस समय वो क्रिकेट से रिटायर हो गए हैं लेकिन आईसीसी के एक अधिकारी के रूप में इंडियन क्रिकेट टीम को गाइड करते हैं।


नाम : सुनील मनोहर गावस्कर उर्फ सनी

जन्म : 10 जुलाई 1949, महाराष्ट्र (मुंबई)

शिक्षा : सेंट जेवियर्स कॉलेज (महाराष्ट्र)

पिता : मनोहर गावस्कर

माता : मीनल गावस्कर

पत्नी : मार्शनील गावस्कर

बेटा : रोहन गावस्कर

सुनील गावस्कर बचपन से ही मुंबई के महाराष्ट्र में पले बढ़े हैं। इनका जन्म 10 जुलाई 1949 को हुआ था। इन्होंने मार्शनील नाम की लड़की से शादी की और एक संतान हुई जिसका नाम रोहन गावस्कर है।

सुनील गावस्कर ने क्रिकेट की शुरुआत कैसे की??

दरअसल बचपन से ही सुनील गावस्कर को क्रिकेट में रुचि थी। जब वो एक विद्यार्थी थे तभी उन्होंने अपने टैलेंट को साबित कर दिया था जिसके बाद से उन्होंने क्रिकेट जैसे क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई।

सुनील गावस्कर को 1966 में शानदार प्रदर्शन के लिए 'बेस्ट स्कूल बाॅय' पुरस्कार से सम्मानित किया गया था और 1966 में ही सुनील गावस्कर ने रणजी मैच में बेहतरीन डेब्यू किया था। स्कूल टाइम पर डबल सेंचुरी लगाकर बड़े से बड़े खिलाड़ियों को अपनी ओर आकर्षित किया। 

क्रिकेट की दुनिया में सुनील गावस्कर ने अपने प्रथम श्रेणी की शुरुआत "वज़ीर सुल्तान कोल्ट्स इलेवन" से की थी और बाॅम्बे स्कवाॅड के साथ खेलना शुरू किया। 1971 में सुनील गावस्कर को पोर्ट ऑफ स्पेन में वेस्टइंडीज के साथ खेलने के लिए चुना गया।


अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुनील गावस्कर

अपने टेस्ट करियर में पूरे 125 टेस्ट मैच खेलने वाले सुनील गावस्कर ने 10 हज़ार 122 रन बनाकर प्रशंसा योग्य बनें। सुनील गावस्कर ऐसे पहले बल्लेबाज हैं जिन्होंने 10 हज़ार रन और 34 सेंचुरी का रिकॉर्ड बनाया है। इस रिकाॅर्ड को क्रिकेट का भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने 2005 में तोड़ा था। सुनील गावस्कर ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले ही टेस्ट मैच में 236 रन बनाया था।

वनडे इंटरनेशनल मैच : सुनील गावस्कर

गावस्कर ने 1974, जुलाई में इंग्लैंड के खिलाफ अपने एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच की शुरुआत की थी जो हेडिंग्ले स्टेडियम में आयोजित करवाया गया था। इस वनडे मैच में सुनील गावस्कर ने

3092 रन बनाए थे। इसके बाद इनका मुकाबला ऑस्ट्रेलिया के साथ हुआ और वहाँ पर भी शानदार पारी खेलकर लोगों का दिल जीत लिया।

वर्ल्ड कप में भी सुनील गावस्कर का बहुत बड़ा योगदान रहा है।भारत को वर्ल्ड कप दिलाने में उन्होंने काफी मेहनत की थी। 1987 में हुए वर्ल्ड कप जिसमें गावस्कर ने न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला और 88 गेंदों में सेंचुरी लगाई जिसके बाद भारत को जीत हासिल हुई। 1975, 1979, 1983 और 1987 में हुए सभी वर्ल्ड कप में सुनील गावस्कर का अहम योगदान था।

सुनील गावस्कर के बारे में प्रमुख बातें

सुनील गावस्कर भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान भी रह चुके हैं। कप्तानी के पद पर रहते हुए उन्होंने ज्यादा कुछ तो नहीं किया लेकिन एक मार्गदर्शक के रूप में टीम को गाइड करते रहे और टीम को हमेशा अनुशासन में रखते थे।

सुनील गावस्कर की हाइट कम होने के बाद भी उनके बैटिंग करने का तरीका सबसे अलग था। सुनील के बाद अगर कोई उनकी तरह खेल पाया तो वो सचिन तेंदुलकर हैं जिन्हें "क्रिकेट का भगवान" की उपाधि दी गई है।

सुनील गावस्कर के जीवन पर कुछ किताबें भी लिखी गई हैं - रन्स एंड रुइन्स, वनडे वेन्डर, सनिडेज और आइडल्स।

रिकाॅर्ड्स

सुनील गावस्कर पहले ऐसे क्रिकेटर जिन्होंने 10 हज़ार से ज़्यादा टेस्ट रन बनाए हैं।

ये एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने पोर्ट ऑफ स्पेन और वानखेड़े स्टेडियम में दो बार 4 सेंचुरी लगाई है।

सुनील गावस्कर ने टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा 34 शतक लगाने का रिकॉर्ड बनाया है साथ ही 100 कैच लेने का भी रिकॉर्ड है।

साल 1975 में वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ खेलकर 174 गेंदों में मात्र 36 रन बनाए।

सुनील गावस्कर अपने डेब्यू मैचेस में 774 रन बनाए हैं।

सुनील गावस्कर अवार्ड्स

सुनील गावस्कर को सम्मानित करने के लिए बहुत से पुरस्कार दिए गए हैं। उनकी प्रतिभा के लिए उन्हें साल 1975 में भारत सरकार ने "अर्जुन पुरस्कार" देकर सुनील गावस्कर का सम्मान किया। 1980 में "पद्म भूषण" से नवाजा गया और इसी साल इन्हें आईसीसी द्वारा "विज्डन क्रिकेट ऑफ द ईयर" अवार्ड से सम्मानित किया गया।



सुनील गावस्कर को सम्मानित करने के लिए उनके नाम पर एक पुरस्कार दिया जाने लगा जिसे "गावस्कर ट्राॅफी" कहते हैं। ये ट्राॅफी सुनील गावस्कर के साथ एलन बॉर्डर के नाम पर भी है जो ऑस्ट्रेलिया के सबसे महान क्रिकेटर्स में से एक हैं।

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